- शिक्षा व्यवस्था को देश में नंबर वन बनाने का लक्ष्य
- हर स्कूल पर खर्च किए जाएंगे 7.8 लाख रुपये
Noida Desk : यूपी के सरकारी स्कूलों की सूरत बदलकर शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने के लिए सरकार 11 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। हर स्कूल पर 7.8 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। नीति आयोग के स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स (एसईक्यूआई) और परफार्मेंस ग्रेड इंडेक्स (पीजीआई) में प्रदेश को पहले स्थान पर लाने के कवायद में सरकार जुटी है। प्रदेश में 1.41 लाख परिषदीय और माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें 2.37 करोड़ विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। हालांकि सरकार प्रति विद्यार्थी 35 हजार रुपये और कुल 83 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
साल 2026 तक प्रदेश के 5760 विद्यालयों को किया जायेगा विकसित
सरकार का जोर प्रदेश के स्कूलों में जल्द से जल्द जरूरी सुविधाओं को उपलब्ध करवाने पर है। इसके लिए प्रति स्कूल 7.8 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। साल 2026 तक प्रदेश के 5760 विद्यालयों को विश्वस्तरीय अध्ययन सुविधाओं से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। स्कूल में आकर पढ़ाई न कर पाने वाले बच्चों को शारदा और दिव्यांग बच्चों को समर्थ कार्यक्रमों के जरिए स्कूलों से जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को भी कक्षा 12 तक कर दिया गया है। प्रदेश सरकार की ओर से अब तक 1.36 परिषदीय विद्यालयों का मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के साथ कायाकल्प किया जा चुका है। इस अभियान के तहत 11 हजार करोड़ खर्च किए गए हैं।