नोएडा में समाजवादी पार्टी के 40 कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज, सपा नेता बोले – राज्य सरकार हमें डराना चाहती है

निषेधाज्ञा उल्लंघन के मामले में नोएडा में समाजवादी पार्टी के 40 कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज, सपा नेता बोले – राज्य सरकार हमें डराना चाहती है

नोएडा में समाजवादी पार्टी के 40 कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज, सपा नेता बोले – राज्य सरकार हमें डराना चाहती है

Google Image | प्रतीकात्मक तस्वीर

नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नगर मजिस्ट्रेट के कार्यालय पर धरना दिया। समाजवादी पार्टी के नोएडा ग्रामीण के अध्यक्ष रेशपाल अवाना इसकी अगुवाई कर रहे थे। उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने कोरोना महामारी से संबंधित दिशानिर्देशों का उल्लघंन किया था। इस बाबत थाना सेक्टर - 20 पुलिस ने 40 लोगों के खिलाफ धारा 144 तथा कोरोना महामारी के उल्लंघन की धारा में मुकदमा दर्ज कराया है।

थाना सेक्टर - 20 के प्रभारी निरीक्षक आर के सिंह ने बताया कि जनपद गौतम बुद्ध नगर में धारा 144 लागू है। कोरोना वायरस  से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी सभी दिशानिर्देशों का पालन कराया जा रहा है। इसके तहत जनपद में सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क पहनना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि इसके बावजूद समाजवादी पार्टी के नेता रेशपाल अवाना, अध्यक्ष  नोएडा नगर (ग्रामीण) और समाजवादी पार्टी के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी सुनील चौधरी ने 40 समर्थकों के साथ धारा 144 का उल्लंघन करते हुए नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय सेक्टर - 19 पहुंच गए। इन लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया।

इसीलिए इन नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन करने तथा महामारी अधिनियम का पालन न करने की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। सपा नेता सुनील चौधरी तथा रेशपाल अवाना के खिलाफ थाना सेक्टर - 49 में भी पिछले हफ्ते धारा 144 का उल्लंघन करने तथा महामारी अधिनियम के तहत  मुकदमा दर्ज किया गया था।

इस बारे में पूछे जाने पर रेशपाल अवाना ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार समाजवादी पार्टी के विरोध प्रदर्शन से घबरा गई है।  प्रदेश सरकार सपा कार्यकर्ताओं तथा नेताओं के मनोबल को तोड़ना चाहती है। इसीलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस की इस तरह की कार्रवाई से सपा कार्यकर्ताओं का मनोबल नहीं टूटेगा। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पूरे उत्साह से नए कृषि कानूनों का विरोध में आंदोलनरत किसानों को समर्थन देते रहेंगे।

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