Noida News : प्रदूषण की रोकथाम के लिए बड़े दावे करने वाले नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) पर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी (CEO Ritu Maheshwari IAS) को एक नोटिस भेजते हुए कहा है कि वह प्रदूषण रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठा रहीं। नोएडा-एनसीआर के करोड़ों लोगों के लिए यह बड़ा मसला है। इससे सीधे सेहत पर असर पड़ रहा है। इसलिए इस मामले में लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
दरअसल आयोग ने नोएडा के एक निवासी अमित गुप्ता की मांग का संज्ञान लेते हुए पहले भी नोएडा प्राधिकरण को निर्देश जारी किए थे। अमित गुप्ता ने कहा था कि नोएडा क्षेत्र में वायु प्रदूषण एक विकट समस्या है। यहां के कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन कार्यों की वजह से वायु में धूल पहुंचती है। इस वजह से लोगों का दम घुटता है। लेकिन इससे बचाव के लिए प्राधिकरण ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
यहां तक कि आयोग को भी प्राधिकरण ने अब तक अपना पक्ष नहीं बताया है। यह गंभीर मसला है। इससे करोड़ों लोगों का जीवन प्रभावित होता है। इसलिए इस मामले को तत्काल प्रभाव से लेते हुए प्रदूषण की रोकथाम के उपाय किए जाएं। एनजीटी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों के खिलाफ कारवाई की जाए। प्रदूषण को रोकने की सामूहिक जिम्मेदारी है। देखना है, अब प्राधिकरण अपना जवाब आयोग को कब भेजता है।
इस पूरे मामले में अमित गुप्ता ने बताया, आयोग ने नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन, मेंबर सेक्रेट्री उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और मेंबर सेक्रेट्री सीपीसीबी, एडीशनल चीफ सेक्रेट्री यूपी गवर्नमेंट को एक पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने साफ-साफ लिखा है कि नोएडा प्राधिकरण ने अब तक प्रदूषण संबंधित शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की है। करीब 20 दिन पहले भी उन्होंने नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन को एक पत्र भेजा था। उसके बाद 6 अक्टूबर को भी पत्र भेजा गया। उसके बावजूद उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। यह दिखाता है कि नोएडा प्राधिकरण प्रदूषण से लड़ने में कितना गंभीर है।