मुस्लिम वोटरों को रिझाएंगे कांग्रेसी, 62 फीसदी वोटरों पर निशान साधने की रणनीति

कांग्रेस की यूपी जोड़ो यात्रा : मुस्लिम वोटरों को रिझाएंगे कांग्रेसी, 62 फीसदी वोटरों पर निशान साधने की रणनीति

मुस्लिम वोटरों को रिझाएंगे कांग्रेसी, 62 फीसदी वोटरों पर निशान साधने की रणनीति

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Noida News : कांग्रेस की यूपी जोड़ो यात्रा 20 दिसंबर से वेस्ट यूपी के सहारनपुर जिले से शुरू हो रही है। यह यात्रा करीब 11 जिलों से होते हुए 25 दिनों का सफर तय कर सीतापुर पहुंचकर संपन्न होगी। प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर शुरू होने वाली यात्रा में प्रत्येक जिले से कार्यकर्ता शामिल होंगे। कांग्रेसियों का कहना है इस यात्रा के जरिए यूपी में लोगों के मुद्दों को जानने की कोशिश की जाएगी और कांग्रेस की नीतियों के बारे में भी लोगों के समझाया जाएगा। यह तो रहा कांग्रेस की ओर से जारी अधिकारिक बयान। किन्तु, असल मकसद यूपी के उन इलाकों में अपनी जड़ों को सींचना है, जहां पार्टी में अभी जान बाकी है, ताकि साल 2009 का प्रदर्शन दोहराया जा सके या उसमें इजाफा किया जा सके। इस यात्रा का असल मकसद ही 62 फीसदी वोट बैंक को रिझाना है।

कांग्रेस की ओर शिफ्ट होने के मूड में मुस्लिम वोटर
यूपी जोड़ो यात्रा से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में खोई अपनी जमीन वापस पाने की कोशिश में लगी है। यात्रा का रूट इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे मुस्लिम बहुत जिलों और इलाकों तक पहुंच हो सके। लगभग तीन दशक से कांग्रेस के परंपरागत मुस्लिम वोटर कांग्रेस से छिटके हुए हैं। लेकिन, बीते कुछ वर्षों के दौरान देश में हुई घटनाओं से मुस्लिमों को यह महसूस होने लगा है कि उसकी सुरक्षा किसी भी क्षत्रप के भरोसे नहीं हो सकती है। इसलिए उसका रूझान कांग्रेस की ओर हुआ है। कर्नाटक चुनाव के बाद तो यह पक्के तौर पर कहा जाने लगा कि देश का मुसलमान अब कांग्रेस की ओर शिफ्ट करने लगा है। देश के मुसलमानों को लगने लगा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव अगर मजबूत होते तो पार्टी के दिग्गज मुस्लिम नेता आजम खान की इतनी दुर्दशा नहीं होती। अगर महाराष्ट्र में शरद पंवार मजबूत होते तो उनके दिग्गज नेता नवाब म​लिक जेल नहीं जाते। ये तो सिर्फ नजीर है। ऐसे तमाम मामले हैं, जिससे यह संदेश गया है कि देश में मुसलमानों की सुरक्षा सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है। 

मुस्लिमों की 35 फीसदी आबादी देती है 10 सीटें
यूपी जोड़ो यात्रा के जरिये कांग्रेस की रणनीति पश्चिमी और मध्य यूपी के उन जिलों में अपनी पहुंच को पुख्ता करने की है, जहां मुस्लिमों की आबादी निर्णायक संख्या में है। यात्रा बुधवार को सहारनपुर से शुरू होगी। यह 11 जिलों और 15 संसदीय क्षेत्रों को कवर करते हुए जनवरी के दूसरे सप्ताह के आसपास लखनऊ में समाप्त होगी। इस मार्ग को मुस्लिम वोटरों तक एक प्रमुख पहुंच के रूप में देखा जा रहा है। यात्रा 11 जिलों में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, लखीमपुर, सीतापुर और लखनऊ शामिल हैं। यहां मुस्लिम आबादी अधिक है। वास्तव में, इनमें से प्रत्येक जिले में मुसलमानों की आबादी 35 फीसदी से अधिक है, जो कुल मिलाकर 10 संसदीय सीटें बनाती हैं।

यहां हैं सबसे ज्यादा मुसलमान
मुरादाबाद में लगभग 47%, 
रामपुर में लगभग 51%, 
बिजनौर में 43%, 
सहारनपुर में 42%, 
मुज़फ़्फ़रनगर में 41% 
अमरोहा में 41% 
बरेली में लगभग 35% 

हर जिले में दो दिन रहेगी यात्रा, बड़े चेहरों को भी काम
यात्रा प्रत्येक जिले में दो दिन बिताएगी, समाज के विभिन्न वर्गों के साथ प्रतिदिन चार इंटरैक्टिव सेशन होंगे और प्रतिदिन 20 किलोमीटर पैदल यात्रा तय की जाएगी। कांग्रेस इस समय 2024 के संसदीय चुनाव की ओर देख रही है, जिसमें कई पूर्व सांसदों और प्रमुख चेहरों को भी जिम्मेदारियां दी गई हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य को सहारनपुर, पूर्व विधायक इमरान मसूद को बिजनौर, पूर्व सांसद जफर अली नकवी को शाहजहांपुर और चार बार के सांसद रवि प्रकाश वर्मा को सीतापुर में प्रभारी बनाया गया है।

मुस्लिम के साथ इन पर भी निगाह
यात्रा के मार्ग पर अन्य जिले शाहजहांपुर, सीतापुर, लखीमपुर खीरी और लखनऊ हैं। कुछ चुनिंदा जिलों, जैसे-बिजनौर, सहारनपुर और मुज़फ़्फ़रनगर में भी दलितों की अच्छी-खासी संख्या है। इसके अलावा इस यात्रा के जरिए कांग्रेस किसान, जाट, पिछड़ों, ओबीसी और दलितों को भी साधने की तैयारी में है। क्योंकि अगर मुस्लिम, जाट, पिछड़े, ओबीसी और दलितों को जोड़ दें तो यह प्रतिशत 62 के पार हो जाता है। ऐसे में कांग्रेस INDIA गठबंधन के साथ मिलकर 1 बनाम 1 की तर्ज पर लड़ने की योजना पर काम कर रही है। 

नोएडा क्यों नहीं यात्रा रूट में
कांग्रेस को भी पता है कि समय कम है। लगभग 55 दिनों बाद कभी भी लोकसभा चुनावों का बिगुल फूंक जाएगा और चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर देगा। मौके की नजकात को भांपते हुए कांग्रेस ऐसे जिलों को बिल्कुल भी छूने की पक्षधर नहीं है, जहां इस वक्त वह 'वेंटिलेटर' पर है। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व का मानना है कि ऐसे जिलों और सीटों, जहां पार्टी की दशा खराब है, वहां समय और पैसा दोनों बर्बाद करने से कोई फायदा नहीं है। जिनमें राजधानी दिल्ली से सटा जिला गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ और बुलंदशहर जैसे जिले हैं।

सपा और सहयोगी दलों को भी निमंत्रण
कांग्रेस की यूपी जोड़ो यात्रा 25 दिनों तक चलेगी। कांग्रेस के कार्यकर्ता लोगों से मिलेंगे और पार्टी की बात को उनके सामने रखेंगे। कांग्रेस नेता अजय राय ने स्पष्ट करते हुए कहा कि इसमें कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ समाजवादी पार्टी और अन्य सहयोगी दलों से भी शामिल होने के लिए आग्रह किया गया है, वह भी शामिल हो सकते हैं।

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