Noida : नोएडा प्राधिकरण ने कई साल पहले जनता के लिए सिटीजन पोर्टल चालू किया था जिसका दावा था कि ये पोर्टल 12 विभागों की 180+ सेवाओं को ऑनलाइन करेगा और प्राथना पत्र ऑनलाइन दर्ज करेगा। इसके आने से बुजुर्गो में एक आराम था कि अब प्राथना पत्रों का निस्तारण घर बैठे हो जाएगा, लेकिन अब बुजुर्ग ही इसकी कार्यशैली पर सवाल उठा रहे है। कन्फेडरेशन ऑफ एनसीआर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष पीएस जैन के मुताबिक ये सब बातें बेबुनियाद निकली।इस समाजसेवी संस्था कोनरवा ने नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी को पत्र लिखकर सिटीजन चार्टर पोर्टल को सुदृढ़ करने के लिए कुछ सुझाव दिए।
'प्राधिकरण के सिटीजन पोर्टल की होनी चाहिए मॉनिटरिंग'
पीएस जैन कहते है कि कई साल पहले बने इस पोर्टल का दावा था कि इस पोर्टल पर आप जब अपनी प्राथना पत्र डालोगे उसे इतने समय में किया जाएगा एक टाइम लाइन आ जाती थी, लेकिन कभी ही कोई भी काम उस टाइम लाइन के हिसाब से नहीं हुआ। हमारा सुझाव है कि इन सबकी मॉनिटरिंग होनी चाहिए। हर प्राथना पत्र का रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए, के कितने प्राथना पत्र आयी, कितनी का काम हो गया, कितनी बची है, ये सब का एक रिकॉर्ड रखा जाना जरुरी है, इससे प्राधिकरण के हर तबके के लोगो को डर रहे के हमें मॉनिटर किया जा रहा है।
'बनाई जाये लिस्ट, ताकि पता रहे कितना काम है बाकी'
पीएस जैन कहते है कि नागरिक, संस्थान, ओद्योगिक ईकाईयो द्वारा प्रतिदिन सिटिजन चार्टर पोर्टल पर प्रार्थना पत्र दिये जाते है, लेकिन निस्तारण के लिए निर्धारित समय से अधिक होने पर भी कोई जवाब नही दिया जाता है। उन्हें कई महीनों का समय लग जाता है। इसीलिए हमने ये सुझाव दिया है कि हर प्रार्थना पत्र15 दिन में सम्बंधित विभाग के अधिकारी के पास जानी चाहिए, और हर दो महीने में सीईओ के पास जानी चाहिए। इससे स्टाफ की जवाबदेही रहेगी के आखिर ये काम क्यों नहीं हुआ।
'सिटीजन पोर्टल ने किये थे बड़े वादे'
पीएस जैन बताते है कि जब ये सिटीजन पोर्टल बना था तब इसका प्रचार किया गया था कि जब कोई नागरिक पोर्टल या ऐप का उपयोग करके नोएडा में प्रार्थना पत्र पेश करेगा तो उन्हें शिकायत संख्या, समयरेखा और प्रभारी अधिकारी के साथ एक एसएमएस प्राप्त होगा। ऐप में वर्तमान में कई सेवाएं उपलब्ध हैं और कुछ महत्वपूर्ण हैं जैसे आवासीय, बागवानी, नागरिक कार्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य, जल और सीवरेज, पार्किंग और अतिक्रमण आदि मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।