₹434 करोड़ में बन रहे हैबिटेट एंड कन्वेंशन सेंटर का निर्माण बंद, जानिए वजह

नोएडा से बड़ी खबर : ₹434 करोड़ में बन रहे हैबिटेट एंड कन्वेंशन सेंटर का निर्माण बंद, जानिए वजह

₹434 करोड़ में बन रहे हैबिटेट एंड कन्वेंशन सेंटर का निर्माण बंद, जानिए वजह

Google Image | हैबिटेट एंड कन्वेंशन सेंटर

Noida News : शहर के सेक्टर-94 में नोएडा हैबिटेट एंड कनवेंशन सेंटर प्रॉजेक्ट को लेकर नोएडा अथॉरिटी बड़ा फैसला लेने जा रही है। अथाॅरिटी इस प्रॉजेक्ट का काम यूपी राजकीय निर्माण निगम से वापस लेने की तैयारी कर रही है। दरअसल, निर्माण निगम प्रोजेक्ट पर बेहद धीमा काम कर रहा है। इसके साथ ही हैबिटेट सेंटर की सिग्नेचर बिल्डिंग की ऊंचाई कम की जा रही है। अभी तक यह 31 मंजिल की बननी थी। अब छोटी बनेगी। इसके लिए नए सिरे से डीपीआर बनवाई जाएगी। नोएडा प्राधिकरण यह प्रस्ताव अगस्त में होने वाली बोर्ड बैठक में रखेगा।

यूपी राजकीय निर्माण निगम बंद करके बैठा है काम
आपको बता दें कि निर्माण निगम ने मौके पर हैबिटेट सेंटर का काम जुलाई-2021 में शुरू किया था, लेकिन कई लापरवाही सामने आईं और प्रॉजेक्ट का काम तेजी नहीं पकड़ पाया। मौजूदा समय में काम मौके पर बंद पड़ा हुआ है। नोएडा हैबिटेट एंड कनवेंशन सेंटर प्रॉजेक्ट 2017 के आस-पास शुरू किया गया। यह सेक्टर-94 में बनाया जा रहा है। साथ ही आस-पास होटल, आवासीय और कमर्शियल टावर के प्लॉट अथॉरिटी ने निकाले थे। जून-2020 से प्रॉजेक्ट को शुरू करने की कोशिशें हुईं।

प्रोजेक्ट के लिए 5 बार निकलना पड़ा था टेंडर
चार-पांच बार अथॉरिटी ने टेंडर जारी किए। हैबिटेट सेंटर की 31 मंजिला बिल्डिंग के लिए विमानन मंत्रालय से मंजूरी ली गई। सिस्मिक टेस्ट करवाए गए। आखिरकार खाका यह तय हुआ कि सिविल निर्माण में करीब 433.55 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके अलावा विद्युत, यांत्रिक और अन्य काम में 500 कराेड़ रुपये के आस-पास लागत आएगी। पहले सिविल का काम शुरू करवाने के लिए टेंडर निकाला गया। यूपी निर्माण निगम का चयन हुआ। फिर एग्रीमेंट और अन्य कवायद के बाद जुलाई-2021 में मौके पर काम शुरू होता हुआ दिखा। कुछ समय काम चला, फिर बुनियाद और बेसमेंट की खोदाई के साथ नीचे से पानी आने की आखिर अपडेट सामने आई थी। 

अब यूपी निर्माण निगम से काम वापस लिया जाएगा
जमीन के भीतर से आ रहे पानी को रोकने के लिए कवायद शुरू की गई। अथॉरिटी के अधिकारियों ने निरीक्षण किया था, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे करके काम बंद हो गया। यूपी राजकीय निर्माण निगम यूनिट भी यहां से नदारद हो गई। अथॉरिटी अधिकारियों की तरफ से काम जल्द शुरू करवाने के दावे किए जाते रहे, लेकिन अब तक दोबारा काम शुरू नहीं हो पाया। अब निर्माण निगम से काम वापस लेकर निर्माण एजेंसी बदलने पर मंथन शुरू हो गया है।

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