गौतमबुद्ध नगर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौर में अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी जगजाहिर है। नोएडा प्राधिकरण ने इन दोनों बुनियादी स्वास्थ्य जरूरतों का इंतजाम करने का बीड़ा उठाया है। प्राधिकरण, नोएडा के सेक्टर-21A में बने शूटिंग रेंज में 50 बेड का एक अस्थाई हॉस्पिटल बना रहा है। आगामी 8 मई से यहां कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार शुरू हो जाएगा। प्राधिकरण यहां PSA आधारित ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी लगाएगा। इससे इस कोविड अस्पताल में सभी बेड पर ऑक्सिजन, सिलेंडर तथा वेंटिलेटर की सुविधा मिलेगी।
यह है पूरा प्लान
नोएडा प्राधिकरण की तरफ से दी गई जानकारी में कहा गया है कि नोएडा में संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन और बेड की कमी हो रही है। कोरोना मरीजों की ज्यादा संख्या की वजह से स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ रही हैं। सीईओ ऋतु महेश्वरी ने कहा है कि इस मुश्किल वक्त में नोएडा प्राधिकरण शहर के लोगों के साथ है। शहर के सेक्टर-21 A में स्थित स्टेडियम के शूटिंग रेंज में सभी जरूरी सुविधाओं के साथ 50 बेड का एक अस्थाई कोविड हॉस्पिटल बनाया जा रहा है। मरीजों के इलाज के लिए दिल्ली की DFY (Doctor for you) नामक संस्था के जरिए मेडिकल स्टॉफ नियुक्त किये जायेंगे।
अडानी ग्रुप ने उठाई बड़ी जिम्मेदारी
प्राधिकरण सीएसआर के माध्यम से ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी स्थापित कर रहा है। देश की प्रमुख अडानी ग्रुप ने इसमें ज्यादातर हिस्सा दिया है। इसके अलावा भी कई कंपनियों ने भागीदारी की है। इस मुश्किल दौर में अडानी ग्रुप ने नोएडा प्राधिकरण को 300 डी- टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर देने का वादा किया है। प्राधिकरण ने इसमें से 100 भरे हुए सिलेंडर जिला प्रशासन को भेज दिया है। बाकी के 200 ऑक्सीजन सिलेंडर अगले 2-3 दिन में अडानी ग्रुप प्राधिकरण को सौंपेगा। हालांकि इन सिलेंडर के वितरण और आपूर्ति की जिम्मेदारी जिला प्रशासन निभाएगा।
जिला प्रशासन करेगा वितरण
ताकि जनपद के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को दूर किया जा सके और कोरोना वायरस के इस बुरे दौर में सभी संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन जैसी प्राण रक्षक गैस की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। नोएडा प्राधिकरण, जिला प्रशासन से लगातार संपर्क बनाए हुए है। प्राधिकरण भविष्य में इन ऑक्सीजन सिलेंडर की नियमित रिफलिंग के लिए भी प्रयासरत है। ताकि प्रशासन अस्पतालों और ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति कर सके। जनपद में लोगों को इन बुनियादी स्वास्थ्य जरूरतों से वंचित न होना पड़े। इनके अभाव में किसी की जान न जाए।