कोरोना महामारी ने बंद किए 60 प्रतिशत रेस्टोरेंट्स, कमाई नहीं 2 आना और खर्चा 12 आना, पढ़िए मालिकों की आपबीती

गौतमबुद्ध नगर : कोरोना महामारी ने बंद किए 60 प्रतिशत रेस्टोरेंट्स, कमाई नहीं 2 आना और खर्चा 12 आना, पढ़िए मालिकों की आपबीती

कोरोना महामारी ने बंद किए 60 प्रतिशत रेस्टोरेंट्स, कमाई नहीं 2 आना और खर्चा 12 आना, पढ़िए मालिकों की आपबीती

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

कोरोना महामारी (COVID-19 Pandemic) के दौरान नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 60 प्रतिशत रेस्टोरेंट्स बंद हो गए हैं। कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन (Lockdown in UP) के दौरान जिले में सभी रेस्टोरेंट इस समय बंद हैं। अब हालत यह हो गई है कि रेस्टोरेंट्स मालिकों को अपनी जेब से सारा खर्चा देना पड़ रहा है। भले ही रेस्टोरेंट बंद क्यों ना हो गए हों, लेकिन बिजली का बिल, किराया और रेस्टोरेंट में काम करने वाले लोगों को वेतन दे रहे हैं। रेस्टोरेंट्स मालिकों को कहना है कि अब उनकी पूरी जमा पूंजी खत्म हो चुकी है। ऐसे में उनके ऊपर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा है।

जिले में 60 प्रतिशत रेस्टोरेंट बंद हुए
पिछली साल कोरोना महामारी के दौरान 40 प्रतिशत रेस्टोरेंट बंद हो गए थे। पिछली साल कुछ लोग किसी तरीके से निकले तो इस साल की महामारी ने 20 प्रतिशत रेस्टोरेंट और बर्बाद कर दिए हैं। अब हालत यह हो गई है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इस समय कुल 40 प्रतिशत ही रेस्टोरेंट बचे हैं। जो होम डिलीवरी करवा रहे हैं, लेकिन इनकी हालत भी खस्ता है।

कमाई नहीं 2 आना और खर्चा 12 आना
नोएडा के सेक्टर-18 में स्थित एक रेस्टोरेंट मालिक रोहित मेहरा ने बताया कि पिछली साल कोरोना महामारी के दौरान उनका रोजगार बंद हो गया था। किसी तरीके से उन्होंने हालत को संभाला था। अब कोरोना महामारी के दूसरे दौर में उनको हर महीने लाखों रुपए देने पद रहे हैं। बिजली के बिल के अलावा रेस्टोरेंट्स का किराया और रेस्टोरेंट में काम करने वाले लोगों को वेतन भी देना पड़ता है। ऐसे समय में उनकी कोई भी कमाई नहीं हो रही है। जमा पूंजी काफी तेजी के साथ खत्म होती जा रही है। लेकिन अभी यह नहीं पता कि कब तक हालत सामान्य होंगे। बस भगवान के भरोसे गाड़ी चल रही है।

रेस्टोरेंट्स मालिक घर बैठे दे रहे हैं वेतन
ग्रेटर नोएडा के मशहूर ज़ायका रेस्टोरेंट्स के मालिक अमित भाटी का कहना है कि इस समय उनका रोजगार बंद है। ऐसे समय में स्थिति खराब है, जो लोग उनके रेस्टोरेंट पर काम करते हैं, उनका वेतन दे रहे हैं। बिजली का बिल और किराया दे रहे हैं। ईश्वर पर भरोसा है कि एक दिन सब सही हो जाएगा। अमित हर महीना अपने रेस्टोरेंट में काम करने वाले लोगों को वेतन दे रहे हैं। उनका मानना है कि अगर हम ऐसी परिस्थितियों में अपने साथ काम करने वाले लोगों को वेतन नहीं देंगे तो मानवता खत्म हो जाएगी। वह अभी इतने सक्षम हैं कि कुछ समय तक अपने रेस्टोरेंट में काम करने वाले लोगों को घर बैठे वेतन दे सकते हैं।

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