सरकार ने दी हरी झंडी, 50 जिलों को मिलेगी हेलीकॉप्टर सुविधा

नोएडा में बनेगा देश का सबसे बड़ा हेलीपोर्ट : सरकार ने दी हरी झंडी, 50 जिलों को मिलेगी हेलीकॉप्टर सुविधा

सरकार ने दी हरी झंडी, 50 जिलों को मिलेगी हेलीकॉप्टर सुविधा

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

  • सेक्टर-151ए में बनेगा हेलीपोर्ट
  • रिफ्लेक्स एयरपोर्ट और ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड करेगी निर्माण
  • परियोजना पर 43 करोड़ रुपये खर्च
  • वीआईपी और कॉर्पोरेट्स की सुविधा होगी आसान
Noida : शहर के सेक्टर-151ए में बनने वाले हेलीपोर्ट से जुडी बड़ी खबर है। सेक्टर-151ए में प्रस्तावित देश के सबसे बड़े हेलिपोर्ट के लिए टेंडर जारी करने के प्रस्ताव को शासन ने मंजूरी दे दी है। सिंगल बिड की मंजूरी मिलने से इसके निर्माण का रास्ता साफ दिखने लगा है। इसके निर्माण के लिए रिफ्लेक्स एयरपोर्ट और ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड का चयन हुआ है। प्राधिकरण की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस परियोजना पर 43 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

हेलीपोर्ट दोनों एयरपोर्ट को जोड़ेगा
इस परियोजना का उद्देश्य नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में वाणिज्यिक हेलीकॉप्टर कनेक्टिविटी स्थापित करना है। इस हेलीपोर्ट के जरिये वायु यात्रियों को नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे और दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे से जोड़ा जाएगा। साथ मथुरा, आगरा, जयपुर और देहरादून तक उड़ान भरने में मदद करना है। 12 नवंबर को अथॉरिटी के बोर्ड ने हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल को मंजूरी दी थी। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार हेलीपोर्ट ग्रेटर नोएडा से 10 किलोमीटर दूर, दिल्ली हवाईअड्डे से 50 किलोमीटर और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 47 किलोमीटर की दूरी पर बनेगा। हेलीपोर्ट के लिए कमबख्शपुर गांव में प्राधिकरण ने 9.3 एकड़ जमीन आरक्षित की है। यह साइट नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और एक्वा लाइन मेट्रो के सेक्टर-147 स्टेशन के पास है।

यहां से बड़े से बड़ा हेलीकॉप्टर उड़ेगा
इस परियोजना स्थल के पास जेपी अमन जैसी कुछ ऊंची इमारतें हैं। हेलीपोर्ट तीन ओर से प्रस्तावित गोल्फ कोर्स से घिरा होगा। एक बार विकसित हो जाने के बाद हेलीपोर्ट आसपास के शहरों में वीआईपी और कॉर्पोरेट्स के आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा। इस प्रोजेक्ट से जुड़े नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा, "यह नोएडा से काम करने और हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों को आय बढ़ाने अवसर प्रदान करेगा। इस हेलीपोर्ट से बेल-412 हेलीकाप्टरों को भी उड़ाया जा सकेगा। जिसमें 13 यात्रियों के बैठने की क्षमता होती है। इसमें हेलीपैड, एप्रन, टैक्सीवे, हैंगर और एक टर्मिनल बिल्डिंग की सुविधाएं होंगी।"

कई राज्यों को मिलेगा इसका फायदा
नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक, इस परियोजना पर 43 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए आवेदन की आखिरी तारीख अगले साल 12 जनवरी थी। राइट्स ने कुछ कमियों को उजागर किया। जिसके बाद प्राधिकरण ने इस परियोजना की निविदा रद्द कर दी थी। फिर नई डीपीआर तैयार की गई। संशोधित डीपीआर में कहा गया है कि परियोजना से यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली को लाभ मिलेगा। हेलीपोर्ट से दिल्ली आईजीआई और नोएडा हवाईअड्डों के बीच दैनिक संचालन का प्रस्ताव भी दिया है।

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