Noida News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के चर्चित निठारी कांड में दोषी सुरेंद्र कोली की 12 मामलों में और मोनिंदर सिंह पंढेर की दो मामलों में फांसी की सजा रद्द कर दी है। कोर्ट ने इन केसों में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर दोनों को निर्दोष करार दिया है। दरअसल, निठारी कांड में सीबीआई ने 16 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में फांसी की सजा मिल चुकी है। जबकि मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ 6 मामले दर्ज थे। इनमें से 3 मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी। दो मामलों में वह पहले ही बरी हो गया था।
सजा के खिलाफ अपील मंजूर
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा के निठारी कांड में सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद द्वारा सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को मिली फांसी की सजा के खिलाफ अपील मंजूर कर ली है। आरोप संदेह से परे साबित न हो पाने के कारण निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया है। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र व न्यायमूर्ति एसएचए रिजवी की खंडपीठ ने लंबी चली बहस के बाद अपीलों पर फैसला सुरक्षित कर लिया था। उक्त मामले में सोमवार को फैसला सुनाया गया। सुरेंद्र कोली पर दर्जनों लड़कियों की नृशंस हत्या व दुष्कर्म करने के आरोप में एक दर्जन से अधिक मामलों में फांसी की सजा के खिलाफ अपील दाखिल की गई है। वहीं, डी-5 सेक्टर-31 के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को तीन मामलों में फांसी की सजा मिली है।
एक नजर में निठारी कांड
7 मई 2006 को निठारी की एक युवती को पंढेर ने नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था। इसके बाद युवती वापस घर नहीं लौटी। युवती के पिता ने नोएडा के सेक्टर-20 थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया था। इसके बाद 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे। पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था, बाद में निठारी कांड से संबंधित सभी मामले सीबीआई को स्थानांतरित कर दिए गए थे।