नोएडा में लग्जरी हाउसिंग की बढ़ी डिमांड, इन शहरों में डेवलपर्स ने लगाए करोड़ों रुपए

घर खरीदना है तो जल्‍दी करें : नोएडा में लग्जरी हाउसिंग की बढ़ी डिमांड, इन शहरों में डेवलपर्स ने लगाए करोड़ों रुपए

नोएडा में लग्जरी हाउसिंग की बढ़ी डिमांड, इन शहरों में डेवलपर्स ने लगाए करोड़ों रुपए

Tricity Today | Symbolic

Noida Desk : देश में लग्जरी आवासीय परियोजनाओं की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है, जबकि किफायती घरों की मांग में गिरावट आई है। एनारॉक द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट से पता चलता है कि 2024 की पहली तिमाही में टॉप 7 शहरों में बेचे गए लगभग 1.30 लाख घरों में से 1.5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले लक्जरी घरों की हिस्सेदारी 21% या करीब 27,070 इकाइयां थी। यह आंकड़ा पांच साल पहले की स्थिति से बिलकुल उलट है। 2019 की पहली तिमाही में किफायती घरों की डिमांड सर्वाधिक 37% थी, जबकि लक्जरी घरों की हिस्सेदारी महज 4% थी। नोएडा-एनसीआर में तो 2024 की पहली तिमाही में बिके 15,645 घरों में से 39% या 6,060 इकाइयां लक्जरी थीं।

हाउसिंग डिमांड का बदलता रुझान
कोविड के बाद लोगों की जरूरतें बदल गई हैं। अब वे बड़े और लक्जरी घरों को प्राथमिकता दे रहे हैं। जमीन की लागत बढ़ने से किफायती आवास परियोजनाएं आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह गई हैं। हाउसिंग डिमांड का यह बदलता रुझान आने वाले समय में और मजबूत होगा। आंकड़ों के मुताबिक, शीर्ष 7 शहरों में 2024 की पहली तिमाही में लॉन्च हुए लगभग 1.10 लाख घरों में से लगभग 28, 020 लक्जरी और सिर्फ 19,980 किफायती थे। पांच साल पहले 2019 की तिमाही में किफायती घरों की हिस्सेदारी 44% थी।

बिक्री हिस्सेदारी लगभग 59 फीसदी 
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, "साल 2024 की पहली तिमाही में लगभग 26, 545 किफायती आवासों की बिक्री हुई, जो शीर्ष 7 शहरों में 20 फीसदी की कुल बिक्री हिस्सेदारी है। मिड-रेंज और प्रीमियम हाउसिंग सेगमेंट में इस अवधि में लगभग 76, 555 इकाइयों की बिक्री हुई, जो कुल बिक्री हिस्सेदारी लगभग 59 फीसदी है।"
 
क्या कहते हैं डेवलपर्स
काउंटी ग्रुप डायरेक्टर अमित मोदी ने कहा, "लग्जरी घरों की डिमांड तेजी से बढ़ी है। पिछले कुछ समय से गौर करें तो होम बायर्स बड़े और लग्‍जरी घर को लेकर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। खासकर कोविड के बाद लोगों के कामकाज करने और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ज्यादा जगह और एक्स्ट्रा कमरों की मांग कर रहे हैं।"

एसकेए ग्रुप डायरेक्‍टर संजय शर्मा ने कहा, "बड़े और लग्‍जरी घरों की मांग बढ़ने का सीधा कारण कोविड के बाद लोगों का लाइफस्‍टाइल बदलना है। दरअसल, लोग अब अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर घर चाहते हैं। यही कारण है कि लगातार लग्‍जरी घरों की मांग बढ़ रही है। आने वाले समय में इस मांग में और बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।" 

सीआरसी ग्रुप डायरेक्टर सलिल कुमार ने कहा, "लोगों की बढ़ती इनकम, देश की इकॉनमी की अच्छी स्थिति और बदलती लाइफस्टाइल के चलते लग्जरी हाउसिंग की मांग तेजी से बढ़ रही है। पिछले दो सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो डेवलपर्स के प्रति होम बॉयर्स का लगातार भरोसा बढ़ा है जिससे शहरी इलाकों में रेजिडेंस की मांग में तेजी बनी हुई है।"
 
मिगसन ग्रुप एमडी यश मिगलानी ने कहा, "जमीन की ऊंची लागत की वजह से आज किफायती आवासीय परियोजनाएं बिल्डरों के लिए आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह गई है। कोविड के बाद होम बॉयर्स का माइंड सेट भी बदला है और वे बेहतर सुविधाएं और अपनी पसंद की जगह पर घर खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे में सस्ते और छोटे मकान खरीदने को लेकर बॉयर्स का रुझान कम हो रहा है।"

एमआरजी ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर रजत गोयल ने कहा, "देश का हाउसिंग सेक्टर साल 2023 से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। कोरोना के बाद से लोग बड़े घरों की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। अब लोग छोटे घरों की अपेक्षा बड़े घरों में रहना ज्यादा पसंद कर रहे है, यही वजह है की महंगे और बड़े घरों की डिमांड लगातार बढ़ रही है। लोगों को 1 और 2 बीएचके फ्लैट छोटे पड़ रहे हैं। उन्हें अब ज्यादा जगह की जरूरत महसूस हो रही है, इसलिए लोग अब बड़े घरों की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं।

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