Google Image | धनौरी वेटलैंड अंतरराष्ट्रीय धरोहर की लिस्ट में होगा शामिल, यूपी के राजकीय पक्षी समेत 100 प्रजातियों का है
Noida News : नोएडा के नाम जल्द ही एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ने वाली है। यहां स्थित सबसे बड़े सारस केंद्र धनौरी वेटलैंड को जल्द अंतरराष्ट्रीय धरोहर में शामिल किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया तेज हो गई है। अगले एक महीने में वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) अपना प्रस्ताव तैयार कर वन विभाग को सौंप देगा। इसके बाद जरूरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उसके बाद धनौरी वेटलैंड को श्री राम सारस सेंचुरी एंड वाल्मीकि रामसर आद्र भूमि घोषित किया जाएगा।
वन विभाग ने वेटलैंड का संरक्षण करने के लिए वन जीव विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में भारतीय वन्य जीव संस्थान संरक्षण को प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मदारी दी है। दरअसल, रामसर आद्र भूमि घोषित करने के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ एक प्रस्ताव बना रहा है। इसमें ईको सिस्टम को उपयुक्त बनाए रखने के साथ पानी की गुणवत्ता, भूमि की स्थिति सहित कई अन्य पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा। जानकारी के मुताबिक 90 प्रतिशत तक कार्य पूरा किया जा चुका है।
जिला वन अधिकारी प्रमोद श्रीवास्तव ने बताया, अगले एक महीने में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ अपना प्रस्ताव सौंपेगा। इसके बाद जरूरी काम पूरा कर धनौरी वेटलैंड को श्री राम सारस सेंचुरी और वाल्मीकि रामसर आद्र भूमि पूरा करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। वेस्ट यूपी के मुख्य वन संरक्षक एके जानू ने धनौरी वेटलैंड का संरक्षण करने के लिए भारतीय वन्य जीव संस्थान से संरक्षण के लिए प्रस्ताव तैयार करने की संस्तुति भी की है।
बड़ा केंद्र है धनौरी
तीन गांवों की सीमा धनौरी खुर्द, ठसराना और अमीरपुर बांगर की सीमा पर स्थित धनौरी वेटलैंड में उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस की बड़ी संख्या पाई जाती है। 40 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में स्थित धनौरी वेटलैंड की अधिकतर भूमि कृषि क्षेत्र में आती है। इसमें 25 हेक्टेयर क्षेत्र में हमेशा पानी रहता है। बीते सितंबर में धनौरी में बड़े सारस की संख्या 68 है। साथ ही 16 बच्चे हैं। आठ जोड़े सारस भी हैं।
100 प्रजाति के पक्षी पहुंचते है
सर्दियों के दौरान धनौरी वेटलैंड में 100 प्रजाति के करीब 20 हजार पक्षी पहुंचते हैं। इसमें करीब 40 प्रजाति के पक्षी दूसरे देशों से आते हैं। करीब 60 भारतीय प्रवासी पक्षी यहां पहुंचते हैं। यूरो एशियन हाबी, स्पाट बिल बतख यहां पहुंच चुके हैं। आइबिस, जकारा, सारस, कैस्टन, ग्रेटर स्पाटिल, ग्रे लेग गीज, नार्दन शावलर, नार्दन पिनटेल, कामन टील, गोडविट व लिटिल ग्रेब सहित कई विदेशी प्रवासी पक्षी अब आएंगे। ब्रिटेन और भारत में पाये जाने वाले आइबिस, जकारा, सारस, कैस्टन, ग्रेटर स्पाटिल, ईगल पक्षियों की संख्या भी बढ़ रही है।
9 वर्ष पहले पता चला था
नोएडा सेक्टर-15-ए में रहने वाले बर्ड वाचर डा. आनंद आर्या ने करीब 9 वर्ष पहले वेटलैंड की खोज की थी। शहर के शोर-शराबे से दूर दलदली भूमि और खाने के लिए पर्याप्त मात्रा में जलीय जीव व भोजन की उपलब्धता होने के कारण धनौरी में पक्षियों का जमावड़ा होता है। इस वेटलैंड से नोएडा शहर की खुबसूरती में इजाफा होता है। साथ ही इकोसिस्टम के लिहाज से यह बेहद महत्वपूर्ण है।