Tricity Today | नोएडा में सांसद डॉ. महेश शर्मा ने करवाया टीका लगवाया
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कोरोना के खिलाफ वेक्सीनेशन शनिवार की सुबह शुरू हुआ है। नोएडा में कैलाश अस्पताल में बनाए केंद्र में सबसे पहले सासंद डॉ. महेश शर्मा और ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में डायरेक्टर डॉ. राकेश गुप्ता ने सबसे पहले वेक्सीन ली है। गौतमबुद्ध नगर में आज 6 केंद्रों पर टीकाकरण किया जा रहा है। शाम तक प्रत्येक केंद्र पर 100-100 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जाएगा। जिम्स को टीकाकरण के लिए नोडल केंद्र बनाया गया है।
गौतमबुद्ध नगर में 6 केंद्रों पर चल रहा वेक्सीनेशन
राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान ग्रेटर नोएडा के निदेशक डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि जिले में छह केंद्रों पर कोरोनावायरस के खिलाफ वेक्सीनेशन चल रहा है। इनमें तीन केंद्र नोएडा और तीन केंद्र ग्रेटर नोएडा में स्थापित किए गए हैं। नोएडा में जिला अस्पताल, चाइल्ड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और कैलाश अस्पताल को केंद्र बनाया गया है। ग्रेटर नोएडा में राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, बिसरख अस्पताल और शारदा हॉस्पिटल को केंद्र बनाया गया है। आज पहले चरण में इन सभी केंद्रों पर 100-100 स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वैक्सीन दी जा रही है। जिम्स में 300 स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वैक्सीननेशन किया जाएगा। इनमें से 100 लोगों को आज और बाकी 200 स्वास्थ्य कर्मियों को सोमवार को वैक्सीन लगाई जाएगी।
कोरोना वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और बड़ी उपलब्धि: डॉ महेश शर्मा
गौतमबुद्ध नगर के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा नोएडा में शनिवार की सुबह सबसे पहले कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले स्वास्थ्य कर्मी बने। दरअसल, डॉ महेश शर्मा पेशे से चिकित्सक हैं और कैलाश अस्पताल समूह के संचालक हैं। वैक्सीनेशन के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए डॉ महेश शर्मा ने कहा कि यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। विपक्ष के भरम में किसी को भी फंसने की आवश्यकता नहीं है। वैक्सीन का किसी भी तरह से कोई साइड इफेक्ट नहीं है। डॉ महेश शर्मा ने कोरोना वैक्सीननेशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम बताया है। डॉक्टर महेश शर्मा ने कहा कि यह नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। कोरोना से वैश्विक महामारी के खिलाफ अमेरिका, इटली और रूस जैसे मुल्क इतनी मजबूती से लड़ाई नहीं लड़ पाए, जितनी दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ भारतीय समाज ने इस बीमारी का विरोध किया है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मविश्वास और मजबूत इरादों का परिणाम है।