बच्चों की नशा पार्टी ने खड़े किए गंभीर सवाल, अभिभावक परेशान तो शिक्षक हैरान, आखिर कहां हुई चूक !

Noida Rave Party : बच्चों की नशा पार्टी ने खड़े किए गंभीर सवाल, अभिभावक परेशान तो शिक्षक हैरान, आखिर कहां हुई चूक !

बच्चों की नशा पार्टी ने खड़े किए गंभीर सवाल, अभिभावक परेशान तो शिक्षक हैरान, आखिर कहां हुई चूक !

Tricity Today | Noida Rave Party

Noida News : नोएडा की सुपरनोवा सोसायटी की रेव पार्टी ने नागरिकों और अभिभावकों को गहरी चिंता में डाल दिया है। इस तरह की पार्टी का नोएडा-NCR में कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी इस तरह की और इससे भी बड़ी नशा पार्टियां पकड़ी गई हैं, लेकिन नोएडा की सोसायटी की यह पार्टी चिंता की लकीरें इसलिए गहरी करती है क्योंकि इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एकसाथ कभी नशे की पार्टी करते नहीं पकड़े गए थे। यह घटना हर जगह चर्चा का विषय बनी हुई है। अभिभावक परेशान हैं तो शिक्षक हैरान। सभी इस सवाल का जवाब खोज रहे हैं कि हर सुविधा और साधन देने के बाद भी परवरिश और शिक्षा में कहां कमी रह रही है।

सब हैरान-परेशान पर क्या है समाधान
यह घटना घरों से लेकर सोशल मीडिया तक में चर्चा का विषय बनी हुई है। आने वाले पीढ़ी को इस तरह फिसलते देखकर सभी हैरान-परेशान हैं, क्योंकि यह सिर्फ एक मामला है जो पकड़ में आ गया। हर दिन न जाने कितने क्लब, रेस्तरां, यूनिवर्सिटी और फ्लैट्स में इस तरह की पार्टियां और बच्चों को बिगाड़ने का खेल चल रहा होगा। शिक्षक और समाज पर नजर रखने वाले लोग चिंतित हैं। 

नशा माफिया गहरे जड़ जमा चुका
गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में क्लीनिकल साइकॉलोजी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉक्टर एपी सिंह कहते हैं दिल्ली-एनसीआर में नशा माफिया गहराई तक जड़ें जमा चुका है। इनका टारगेट महंगे हाईप्रोफाइल कॉलेज और यूनिवर्सिटी है। दरअसल इन कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स आर्थिक रूप से मजबूत परिवारों से आते हैं। इन्हें मिलने वाली पॉकेट मनी का कोई हिसाब नहीं होता। फिल्में देखना, डिस्को जाना, बार में तफरीह और पार्टियां करना इन छात्र-छात्राओं के लिए रूटीन की बात है।

अच्छे घरों के बच्चे निशाने पर 
ग्रेटर नोएडा में एक्टिव सिटीजन टीम के अध्यक्ष सरदार मंजीत सिंह हॉकी खिलाड़ी भी रह चुके हैं। वह युवाओं के मसले अच्छी तरह समझते हैं। वह कहते हैं नोएडा, ग्रेटर नोएडा और दिल्ली-NCR के तमाम यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की संख्या लाखों में हैं। इनकी अच्छी परचेजिंग पावर है। इन पर नशा माफिया की नजर रहती है। दूसरी तरफ, दिल्ली,हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ड्रग्स सप्लाई पर नियत्रंण बेहद कमजोर है। इसका फायदा नशा माफिया उठा रहे हैं। अगर पिछले कुछ वर्षों का ट्रेंड देखेंगे तो आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में न केवल भारतीय नशा माफिया बल्कि विदेशी नशा माफिया भी तेजी से पांव पसार रहे हैं।

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