NCR तक इन 3 रूट्स से नशा तस्करी, कई मुल्कों का ड्रग्स कार्टेल शामिल, विशेषज्ञों की केवल एक मांग

Noida Rave Party : NCR तक इन 3 रूट्स से नशा तस्करी, कई मुल्कों का ड्रग्स कार्टेल शामिल, विशेषज्ञों की केवल एक मांग

NCR तक इन 3 रूट्स से नशा तस्करी, कई मुल्कों का ड्रग्स कार्टेल शामिल, विशेषज्ञों की केवल एक मांग

Google Photo | Symbolic

Noida News : शुक्रवार की रात नोएडा कि हाई-प्रोफ़ाइल हाउसिंग सोसाइटी सुपरनोवा में पकड़ी गई स्टूडेंट्स की नशा पार्टी तो एक बानगी भर है। दिल्ली-एनसीआर में रोज़ाना नशे की बड़ी-बड़ी खेप पहुंच रही हैं। जिन पर तीन-तीन राज्यों की पुलिस मिलकर क़ाबू करने में नाकाम है। तीन ऐसे ड्रग्स रूट हैं, जहां से भर भरकर नशा नोएडा, दिल्ली-एनसीआर आता है। बड़ी बात यह है कि इसमें न केवल देशी बल्कि विदेशी ड्रग्स माफ़िया भी शामिल हैं। अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, चीन, थाईलैण्ड, रूस और कई अफ्रीकी देशों का ड्रग्स कार्टेल दिल्ली-एनसीआर में स्टूडेंट्स को निशाना बना रहा है।

रूट नंबर-1 : यह ड्रग्स रूट तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से गुजरात और राजस्थान के रास्ते दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचता है। इस ड्रग्स रूट से गांजा तस्करी की जाती है। हज़ारों किलो गांजा ट्रकों और दूसरे वाहनों में भरकर दिल्ली-एनसीआर आता है। रास्ते में गुजरात के बड़े शहरों गांधीनगर, वडोदरा, अहमदाबाद, सूरत और राजकोट में खेप उतरती हैं। फिर आगे राजस्थान के जयपुर, जोधपुर और दूसरे शहरों में गांजा तस्करी होती है। इसी रूट पर आख़िर में दिल्ली-एनसीआर के शहरों को गांजा तस्करी की जाती है। ड्रग्स माफ़िया के लिए दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद, गुरुग्राम और फ़रीदाबाद बड़ा बाज़ार बन गए हैं।

रूट नंबर-2 : पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा होते हुए दिल्ली-एनसीआर तक यह रूट फैला हुआ है। पंजाब के ड्रग्स माफ़ियाओं ने इस रूट के ज़रिए दिल्ली-एनसीआर में अपनी पकड़ बनाई है। इसी रूट का इस्तेमाल हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों से आने वाली चरस को दिल्ली तक पहुंचाने में किया जा रहा है। इस रूट में पंजाब के तमाम बड़े शहर, चंडीगढ़, हरियाणा के शहर और दिल्ली-एनसीआर शामिल है। ख़ास बात यह है कि इस रूट के जरिए चरस के अलावा सिंथेटिक ड्रग्स भी दिल्ली-एनसीआर में भेजा जा रहा है। पंजाब के ड्रग्स माफ़िया का ताल्लुख अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और यूरोपियन ड्रग्स माफ़िया से है। वहीं से कोकीन जैसा अल्ट्रा-प्रोफ़ाइल ड्रग्स एनसीआर में आता है।

रूट नंबर-3 : यह रूट नेपाल से बिहार-यूपी होते हुए दिल्ली-एनसीआर आता है। नेपाल में ड्रग्स माफ़िया के रिश्ते चाइनीज और पाकिस्तानी माफ़िया से हैं। इस रूट के जरिए देशी और विदेशी ड्रग्स नोएडा व दिल्ली तक पहुंचता है। इस रूट का एक दूसरा हिस्सा पश्चिम बंगाल और कलकत्ता तक जाता है। रशियन ड्रग्स माफ़िया भी इसी रूट का इस्तेमाल करते हैं। कुल मिलाकर नेपाल से भारत में न केवल नशा बल्कि जाली करेंसी और अवैध हथियारों की तस्करी भी इसी रूट के ज़रिए होती है। पिछले कुछ वर्षों से इस गलियारे का उपयोग चीनी और पाकिस्तानी नागरिक भारत में अवैध घुसपैठ के लिए भी कर रहे हैं।

लोकल लेवल पर सिंथेटिक ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और फ़रीदाबाद जैसे शहरों में बड़ी संख्या में अफ़्रीकी मूल के नागरिक रह रहे हैं। इनमें अधिकांश केनिया और नाइजीरिया से ताल्लुक़ रखते हैं। हज़ारों की संख्या में विदेशी युवक और युवतियां एजुकेशन वीज़ा या टूरिस्ट वीज़ा पर आते हैं और वापस नहीं लौटते हैं। पिछले क़रीब 10 वर्षों के दौरान नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में ड्रग्स माफ़िया के ख़िलाफ़ हुए एक्शन में इन अफ़्रीकी मूल के युवक-युवतियों की संलिप्तता सामने आई है। इनके पास वैध दस्तावेज़ नहीं मिलते हैं।पूर्व आईपीएस अफसर डॉक्टर त्रिवेणी सिंह कहते हैं, “ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में इन विदेशी नागरिकों की ड्रग्स फैक्ट्रियां पकड़ी गई हैं। जहां से पुलिस और एंटी ड्रग्स एजेंसियों ने टनों की मात्रा में सिंथेटिक ड्रग्स बरामद किए हैं। चिंता का विषय यह है कि इन विदेशी नागरिकों ने इस स्थानीय अपराधियों को भी सिंथेटिक ड्रग्स बनाना सिखाया है। जिसकी वजह से लोकल ड्रग्स फैक्ट्रियां पनप रही हैं।”

अब कंबाइंड टास्क फोर्स की जरूरत
पूरे दिल्ली-एनसीआर में महामारी की तरह से फैल रहे ड्रग्स माफ़िया के इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए बड़े एक्शन प्लान की जरूरत है। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह कहते हैं, “अब अकेले सेंट्रल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से काम चलने वाला नहीं है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एंटी ड्रग्स टास्क फ़ोर्स का गठन किया है। यह टास्क फ़ोर्स अच्छा काम कर रही है, लेकिन इस कार्य बल को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग़ाज़ियाबाद में ज़्यादा ध्यान देना होगा। यहां लाखों स्टूडेंट्स रहते हैं। लाखों की संख्या में इंजीनियर और आईटी प्रोफ़ेशनल काम कर रहे हैं। यह युवा पीढ़ी ड्रग्स माफ़िया के निशाने पर है।” डॉक्टर विक्रम सिंह नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति भी हैं। वह आगे कहते हैं, “अब वक़्त आ गया है कि दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों को मिलकर एक संयुक्त टास्क फ़ोर्स बनानी चाहिए। वह कंबाइंड टास्कफोर्स ड्रग्स माफ़िया पर नियंत्रण करे। नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब दिल्ली-एनसीआर भी पंजाब जैसा बन जाएगा।”

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.