नोएडा पुलिस और किसानों के बीच नोकझोंक, दिल्ली कूच हलचल तेज, Video

Noida Farmers Protest : नोएडा पुलिस और किसानों के बीच नोकझोंक, दिल्ली कूच हलचल तेज, Video

नोएडा पुलिस और किसानों के बीच नोकझोंक, दिल्ली कूच हलचल तेज, Video

Tricity Today | दिल्ली कूच हलचल तेज, Video

Noida News : नोएडा एक्सप्रेसवे से दिल्ली जाने वाले मार्ग करीब 4 घंटे से बंद है। किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे है। पुलिस की तमाम रोकथाम के बावजूद किसान धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं। नोएडा पुलिस की तरफ से दलित प्रेरणा स्थल पर किसानों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि उन्हें नोएडा पुलिस हिरासत में ले रही है। पुलिस ने सुबह से करीब अलग-अलग जगह पर सैकड़ो किसानों को हिरासत में ले रखा है। दूसरी तरफ पुलिस का प्रयास है कि किसी भी तरीके से किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने नहीं दिया जाए। हालांकि जिले में धारा 144 लागू है।
पुलिस ने की किसानों को रोकने की तैयारी
किसानों के संसद मार्च को स्थगित करवाने के लिए गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और विकास प्राधिकरणों के अफसर किसान नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, अब तक कोई हल नहीं निकला है। दूसरी तरफ, गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने किसानों के संसद मार्च को लेकर कमर कस ली है। पुलिस कमिश्नरेट के फील्ड और हेडक्वार्टर पर तैनात अफसरों को कानून व्यवस्था संभालने के लिए ड्यूटी पर लगा दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस किसान नेताओं को उनके घरों में नजरबन्द कर दिया है। बड़ी संख्या में किसानों को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रोका गया है। उसके बाद गौतमबुद्ध नगर और दिल्ली की सीमाओं पर भी नाकाबंदी की गई है।

किसान को आंदोलन की जरूरत क्यों पड़ी 
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रूपेश वर्मा ने बताया कि किसान बढ़ा हुआ मुआवजा, स्थानीय लोगों को रोजगार, 10 प्रतिशत प्लॉट और आबादी की समस्या के पूर्ण निपटारे की मांग कर रहे हैं। दोनों जगहों पर अब तक कोई भी स्थानीय नेता किसानों की समस्याएं सुनने नहीं पहुंचा है। किसान जनप्रतिनिधियों के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी नाराज हैं। वे भी उनकी मांगों को ऊपर तक नहीं पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने एनटीपीसी और नोएडा प्राधिकरण को काफी समय दे दिया है। लेकिन, अब तक हमारी मांगों को लेकर सिर्फ कागजी खानापूर्ति ही की जा रही है। इसलिए अब आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस आंदोलन में भारी संख्या में महिलाएं भी हिस्सा ले रहीं हैं।

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