Noida : नोएडा और ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन को गति देने के लिए एनएमआरसी नई-नई योजनाओं को लागू करने में जुट गई है। अब एक्वा लाइन के स्टेशनों पर ई-रिक्शा को चलाने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल हर स्टेशनों पर 55 ई-रिक्शा चलाए जाएंगे। इसके लिए इसी महीने नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन टेंडर जारी कर देगा। अगर टेंडर प्रक्रिया में कंपनी का चयन हो गया तो इसको अगले एक-दो महीने में चलाने की अनुमति दे दी जाएगी।
किलोमीटर के हिसाब से ई-रिक्शा का भुगतान
बता दें एक्वा लाइन में कुल 21 मेट्रो स्टेशन है। इन सभी स्टेशनों पर यात्रियों के लिए ई-रिक्शा उपलब्ध रहेंगे। 21 मेट्रो स्टेशनों पर 105 रिक्शा चलाए जाएंगे। मिली जानकारी के मुताबिक, सवारियों को किलोमीटर के हिसाब से ई-रिक्शा का भुगतान करना होगा। इसका किराया कितना होगा यह जल्द तय कर लिया जाएगा। यह रिक्शा केवल मेट्रो स्टेशन के आसपास तक ही चलाए जाएंगे।
नोएडा अथॉरिटी उठाएगी एफओबी का खर्च
नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रूट के सेक्टर-52 स्टेशन को आपस में जोड़ा जाएगा। इससे दोनों रूट पर यात्रा करने वाले लोगों को सुविधा मिलेगी। दोनों स्टेशनों के बीच एक फुट ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। जिससे यात्रियों को मेट्रो स्टेशनों से नीचे नहीं उतरना पड़ेगा। फुट ओवर ब्रिज के जरिए यात्री सुरक्षित रूप से दोनों स्टेशनों के बीच आवागमन कर सकेंगे। फुटओवर ब्रिज के निर्माण का पूरा खर्च नोएडा अथॉरिटी वहन करेगी।
रोजाना 12 हजार लोग करते हैं नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच यात्रा
नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रूट पर रोजाना औसतन 14,000 लोग यात्रा करते हैं। इस 29.7 किलोमीटर लंबे रूट पर 21 स्टेशन हैं। नोएडा में सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से इस रूट की शुरुआत होती है और ग्रेटर नोएडा में डिपो स्टेशन पर रूट खत्म होता है। इन 14,000 यात्रियों में से बड़ी संख्या में दिल्ली-नोएडा मेट्रो रूट का उपयोग करते हैं। मेट्रो बदलने के लिए लोगों को सेक्टर-51 से सेक्टर-52 स्टेशन जाना पड़ता है। दोनों स्टेशनों के बीच नोएडा अथॉरिटी ने एक डेडीकेटेड-वे बनाया है, लेकिन इसके बावजूद फुलप्रूफ सिक्योरिटी नहीं है। यात्रियों को सुविधा देने के लिए इलेक्ट्रिक वेहिवले चलाए गए हैं।