Noida News : शहर में ई-रिक्शे (E-rickshaws) इतने हैं कि जिनकी गिनती नहीं की जा सकती। रोजाना ई-रिक्शों की वजह से घंटो जाम लगता है। छोटे छोटे नाबालिग बच्चों से लेकर बूढ़े तक ई-रिक्शों से रफ्तार भरते नजर आते हैं। ई-रिक्शे कम दाम में मिल जाते है। इसको चलाने वाले कई के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं होता है। बस ई-रिक्शा चलाने के लिए पंजीकरण की जरूरत होती है। परिवहन विभाग बिना पंजीकरण सड़कों पर दौड़ रहे अवैध ई-रिक्शाओं के खिलाफ ऐक्शन की तैयारी कर रहा है। नोएडा की सड़कों पर दौड़ रहे दो हजार से अधिक ई-रिक्शा चलने लायक नहीं हैं। इन वाहनों का पांच साल पहले पंजीकरण हुआ था। यह कार्रवाई चुनाव के बाद होगी।
नोएडा की सड़कों पर ऑटो से ज्यादा ई-रिक्शा
परिवहन विभाग के मुताबिक, ई-रिक्शा की उम्र चार से पांच साल निर्धारित है। इसके बाद यह खुद ही सड़कों पर चलने योग्य नहीं रहते हैं। जिले में ई-रिक्शा की संख्या तेजी से बढ़ रही है। परिवहन विभाग के अनुसार, यहां पर 20 हजार से अधिक ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। यह संख्या पंजीकृत ऑटो से भी अधिक है। विभाग के अनुसार, जिले में पंजीकृत ऑटो की संख्या करीब 19 हजार है। लोगों की सुविधा के लिए शुरू किए गए ई रिक्शा असुविधा बनते जा रहे हैं। ई-रिक्शा की संख्या बढ़ने के साथ ही यह लोगों के लिए दिक्कत बन गए हैं। इनके जमावड़े के कारण प्रमुख चौराहो, सड़कों और मेट्रो स्टेशन के आसपास जाम लगता है। जहां-तहां ई-रिक्शा रोक देने के कारण हादसे होते हैं। परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की ओर से चलाए जाने वाले जांच अभियान में कई ई-रिक्शा चालकों के पास में ड्रा इविंग लाइसेंस भी नहीं मिलता है।
एक रिक्शा सवारी आठ, पैसे कमाने के लिए गवां रहे जान
ई-रिक्शा पर कंपनियों का सामान भी ढोया जाता है। ऐसे में हादसे का खतरा रहता है। वहीं, इन पर चार सवारी बैठनी चाहिए, लेकिन चालक ज्यादा कमाई के लिए आठ सवारी तक बैठाते हैं। इनमें दो सवारी चालक अपने अगल-बगल बैठा लेते हैं। इससे दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। कई बार ई-रिक्शा पलट भी चुके हैं, जिसके कारण यात्री घायल हो गए। परिवहन विभाग के अनुसार, क्षमता से
अधिक सवारी बैठाना गलत है। परिवहन विभाग के अनुसार, चुनाव के बाद जर्जर और बिना पंजीकरण दौड़ने वाले ई रिक्शा के खिलाफ अभियान चलेगा। इन ई-रिक्शा पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे ई-रिक्शा जब्त किए जाएंगे
एआरटीओ प्रशासन का कहना है कि ई-रिक्शा की उम्र अधिकतम पांच साल होती है। परिवहन विभाग के अनुसार बिना पंजीकरण दौड़ रहे ई-रिक्शा अवैध हैं। इन्हें दौड़ते पाए जाने पर जब्त कर लिया जाता है। एआरटीओ प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पांडे ने कहा कि जिन ई-रिक्शा में पंजीकरण नंबर लिखा है, वह सभी वैध हैं और सड़कों पर दौड़ सकते हैं। यह ई-रिक्शा मानकों के अनुरूप तैयार किए जाते हैं। ऐसे में इनके हादसा ग्रस्त होने का खतरा नहीं रहता है। वहीं, जिन ई-रिक्शा पर पंजीकरण नंबर नहीं है, वे सभी अवैध हैं। तैयार न होने के कारण ऐसे ई-रिक्शा जब्त कर लिए जाते हैं।