Noida News : नोएडा वासियों के लिए अच्छी खबर है। शहर में एक जुलाई से ई-साइकिल दौड़ेंगी। शहर में 62 स्टैंड बनकर तैयार हैं। साइकिल स्टैंड को कवर किया जाएगा। इसके लिए नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी (Ritu Maheshwari IAS) ने बुधवार को आदेश जारी किए हैं।
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने बुधवार को ट्रैफिक सेल के काम की समीक्षा की है। सीईओ ने आदेश दिया कि जिन परियोजनाओं में 90 प्रतिशत काम हो चुका है, उनको इसी महीने जून में पूरा कर लिया जाए। इसके अलावा जिन काम के टेंडर की प्रक्रिया चल रही है, उनको 15 दिन में शुरू कर दिया जाए। सीईओ ने कहा कि ई-साइकिल के टेंडर की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी करके एक जुलाई से परियोजना पर काम शुरू कर दिया जाए।
नोएडा प्राधिकरण के ट्रैफिक सेल के अफसरों का कहना है कि, पूर्व निर्धारित योजना के मुताबिक शहर में ई-साइकिल के लिए 62 डॉकिंग स्टेशन प्रस्तावित हैं। इनमें से 60 को बनाने का काम पूरा हो चुका है। इस प्रोजेक्ट के तहत हर स्टैंड पर 10 ई-साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी। प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी (Ritu Maheshwari) ने इसका फैसला लिया है।
इन निजी एजेंसियों को साइकिल और डॉकिंग स्टेशन पर विज्ञापन से 25 फीसदी आमदनी का अधिकार देने का भी सुझाव दिया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि शहर के लोगों को ई-साइकिल के प्रति प्रेरित करने की शुरुआत प्राधिकरण को अपने कर्मचारियों से करनी होगी। अथॉरिटी के कर्मचारियों को 50 प्रतिशत कम किराए में साइकिल उपलब्ध कराने का सुझाव दिया गया है। प्रोजेक्ट के तहत 100 स्क्वायर मीटर जगह साइकिल रिपेयरिंग के लिए भी उपलब्ध करानी पड़ेगी। इन सभी सुझावों का प्रस्ताव तैयार कर प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी को भेजा गया है।
कम फायदे की वजह से निजी कंपनियां नहीं आ रहीं
ई-साइकिल प्रोजेक्ट के अब तक पूरे नहीं होने की एक बड़ी वजह इसमें घाटे की आशंका है। वर्ष 2019 में योजना के लिए टेंडर जारी किया गया। छह महीने में पांच बार निविदाएं आमंत्रित की गई। लेकिन किसी एजेंसी ने ई-साइकिल योजना का हिस्सा बनने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस प्रोजेक्ट के तहत मोबिलिटी प्लान का हिस्सा बनने वाली कंपनी को 62 डॉकिंग स्टेशनों पर 620 ई-साइकिल उपलब्ध कराना होगा। इसमें करीब डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश होगा। हालांकि एजेंसी को हर स्टैंड पर 2 ईसीएस और दो कारों की पार्किंग के बराबर भूमि देकर उन्हें राहत देने की कोशिश की गई थी। हर स्टैंड से 1500 रुपये प्रतिमाह किराया वसूलने का प्रावधान योजना में प्रस्तावित था। फिर भी कंपनियों का मानना था कि उनकी लागत फंसने का खतरा है। इसके बाद से योजना की शर्तों में कई बार संशोधन किया जा चुका है।
नोएडा विकास प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक पूरे शहर में 62 स्थानों से साईकिल मिलेंगी। लोग एक स्टैंड से साईकिल लेकर दूसरे स्टैंड तक सफर करेंगे। इसके बाद साईकिल वहीं छोड़कर चले जाएंगे। स्टैंड इस तरह बनाए गए हैं कि शहर के सभी मेट्रो स्टेशन, सरकारी कार्यालय, बस अड्डे और महत्वपूर्ण बाजार कवर हो जाएं। इससे एक ओर शहर में सार्वजनिक यातायात को बढ़ावा मिलेगा, दूसरी तरफ प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि एक कम्पनी के साथ करार करके इस योजना को शहर में लागू किया जा रहा है। किराया दरें भी जल्दी लागू कर दी जाएंगी। दरें एक स्टैंड से दूसरे स्टैंड के बीच दूरी के आधार पर तय किया जाएगा।
ये सुविधाएं मिलेंगी
- ई-साइकिल की अधिकतम रफ्तार 25 किमी प्रति घंटा होगी। बैट्री निकालने के बाद इसका वजन 60 किलो से ज्यादा नहीं होगा।
- उपभोक्ता एप के जरिए ई-साइकिल की सेवा ले सकेंगे। इसके लिए पहले लोगों को केवाईसी करानी होगी। इसके बाद डॉकिंग स्टेशन पर एप की मदद से साइकिल ऑन होगी।
- उपभोक्ताओं को साइकिल को लॉक करने के बारे में ज्यादा नहीं सोचना होगा। डॉकिंग स्टेशन पर वापस आने के बाद साइकिल अपने आप लॉक हो जाएगी।
-ई-साइकिल सेवा पूरे हफ्ते सुबह 5 से रात 11 बजे तक मिलेगी।
इसके अलावा ई-साइकिल के स्टैंड जिस कंपनी ने बनाए हैं, उससे ही कवर कराया जाए। अगले 15 दिन के अंदर पार्किंग फीस देने के लिए सभी ठेकेदारों को नोटिस जारी किया जाए। फीस जमा नहीं करने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट किया जाए। उनसे बकाया की वसूली की जाए। सड़कों पर सफेद पट्टी और अन्य सभी कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए समय से पूरा कराया जाए।