नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह समेत 7 अफसरों को ईडी ने किया तलब, आम्रपाली ग्रुप के हैं मददगार

BIG NEWS : नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह समेत 7 अफसरों को ईडी ने किया तलब, आम्रपाली ग्रुप के हैं मददगार

नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह समेत 7 अफसरों को ईडी ने किया तलब, आम्रपाली ग्रुप के हैं मददगार

Tricity Today | नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह समेत 7 अफसरों को ईडी ने किया तलब

करीब 30 हजार फ्लैट खरीदारों को अरबों रुपए का चूना लगाने वाले आम्रपाली ग्रुप के मददगार अफसर भी अब जांच के दायरे में आ गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात रहे शीर्ष सात अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है। इन्हें आम्रपाली समूह का मददगार माना जा रहा है। बड़ी बात यह है कि इनमें बहुजन समाज पार्टी सरकार के कार्यकाल में बेहद ताकतवर माने जाने वाले अथॉरिटी के पूर्व चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी सरदार मोहिंदर सिंह भी शामिल हैं। आपको बता दें कि इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय जांच एजेंसियां काम कर रही हैं। अभी तक बिल्डर, उसके डायरेक्टर और सहयोगी जेल गए हैं। पहली बार सरकारी अफसरों पर शिकंजा कसा जा रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक आम्रपाली ग्रुप के मददगारों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वर्ष 2010 से 2012 के बीच नियमों को दरकिनार करके आम्रपाली ग्रुप को मदद पहुंचाने वाले नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अफसरों को ईडी ने पूछताछ के लिए तलब किया है। इसमें नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ और चेयरमैन सरदार मोहिंदर सिंह भी शामिल हैं। आरोप है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने 45 हजार करोड़ रुपये का बकाया होने के बाद भी आम्रपाली ग्रुप को जमीनों का आवंटन किया था।  बकाया पैसा कम्पनी से वसूल करने के लिए कोई कोशिश नहीं की गई थी। अथॉरिटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने नीचे के अधिकारियों को आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई करने से रोक कर रखा था।

अब ईडी ने अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह, ओएसडी मनोज राय और यशपाल त्यागी को पूछताछ के लिए तलब किया है। इनके अलावा महाप्रबंधक स्तर के तीन और सहायक महाप्रबंधक स्तर के एक अधिकारी को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है। इन सब से इसी सप्ताह पूछताछ शुरू की जाएगी। यह सभी लोग आवंटन समिति के सदस्य थे। इसके अलावा उस वक्त नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के बिल्डर डिपार्टमेंट में तैनात रहे कुछ और अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी। जांच एजेंसी को यह भी पता लगा है कि कई अधिकारियों ने अपने परिवार के लोगों के नाम पर आम्रपाली की योजनाओं में प्रोपर्टी ले रखी हैं। इसकी जांच भी हो रही है। 

आपको बता दें कि आम्रपाली ग्रुप ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में ईडी कर रहा है। कोर्ट ने ही ऐसे अधिकारियों को चिह्नित करके कार्रवाई करने के लिए कहा था। जिनकी मिलीभगत से ग्रुप ने निवेशकों के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा किया था। मामले में आम्रपाली ग्रुप के चेयरमैन, तीन निदेशक, मुख्य वित्त अधिकारी और ऑडिटर पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। इन सभी को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आम्रपाली ग्रुप की सभी आवासीय योजनाओं को नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन को सौंप दिया गया है। इन पर पुनर्निर्माण का काम शुरू हो चुका है। अगले तीन से 18 महीनों में सभी फ्लैट खरीदारों को उनकी प्रॉपर्टी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सौंप दी जाएंगी।

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