योगी राज में नोएडा के विकास पर रोजाना खर्च हो रहे 11.27 करोड़, पंकज सिंह ने बताया कैसे 5 वर्षों में टूट गए सब रिकॉर्ड

खास बातचीत : योगी राज में नोएडा के विकास पर रोजाना खर्च हो रहे 11.27 करोड़, पंकज सिंह ने बताया कैसे 5 वर्षों में टूट गए सब रिकॉर्ड

योगी राज में नोएडा के विकास पर रोजाना खर्च हो रहे 11.27 करोड़, पंकज सिंह ने बताया कैसे 5 वर्षों में टूट गए सब रिकॉर्ड

Tricity Today | पंकज सिंह से खास बातचीत

  • - अप्रैल 2017 से मई 2022 तक 3,265 करोड रुपए खर्च हुए
  • - नोएडा में योगी आदित्यनाथ के सपने हुए पूरे
  • - कुछ महीनों नोएडा को मिलेगा 3,227 करोड़ रुपए की सौगात
  • - 5 वर्षों में हुआ 20,577 करोड़ रुपए का विकास
  • - 22 करोड़ रुपए की लागत से मास्टर ग्रीन पार्क बनाया
Noida News : नोएडा में पिछले 5 वर्षों के दौरान विकास योजनाओं ने तेज रफ्तार पकड़ी है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर के विकास पर रोजाना करीब 11.27 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। पिछले 5 वर्षों के दौरान विकास योजनाओं को परवान चढ़ाने में नोएडा अथॉरिटी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस दौरान 20,577 करोड़ रुपए का भारी-भरकम बजट विकास योजनाओं पर खर्च किया गया है। यह जानकारी सोमवार को नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने दी। उन्होंने 'ट्राईसिटी टुडे' से विशेष बातचीत करते हुए बताया कि पिछले 5 वर्षों के दौरान शहर में किस तरह जनसुविधाओं का विकास हुआ है। उन्होंने आने वाले वर्षों की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी है।  

तीन मेट्रो प्रोजेक्ट पर 8,467 करोड रुपए खर्च हुए
पंकज सिंह ने कहा, "पिछले 5 वर्षों के दौरान नोएडा शहर में 3 मेट्रो परियोजनाएं पूरी की गई हैं। इनमें नोएडा से ग्रेटर नोएडा तक एक्व लाइन मेट्रो प्रोजेक्ट, बोटैनिकल गार्डन से कालिंदी कुंज तक और सेक्टर-32 से सेक्टर-62 तक ब्लू लाइन मेट्रो का एक्सटेंशन हुआ है। इन तीनों परियोजनाओं पर नोएडा विकास प्राधिकरण ने 8,467 करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। महज 5 वर्षों के दौरान 3 मेट्रो परियोजनाएं पूरी करके नोएडा शहर ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। नोएडा ना केवल राज्य बल्कि देश में यह उपलब्धि हासिल करने वाला इकलौता शहर है।

अप्रैल 2017 से मई 2022 तक 3,265 करोड रुपए खर्च हुए
पंकज सिंह ने आगे कहा, "अप्रैल 2017 से अब तक नोएडा में 3,265 करोड रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण किया जा चुका है। इनमें 1,074 करोड रुपए से 6 मल्टीलेवल अंडरग्राउंड पार्किंग बनाई गई है। जिनकी क्षमता 12,653 कार पार्क करने की है। एमपी-2 मार्ग पर 480 करोड रुपए की लागत से एलिवेटेड रोड का निर्माण किया गया। शहर की बिजली आपूर्ति को बेहतर करने के लिए दो नए पावर स्टेशन और विद्युत लाइनों का विस्तार किया गया। जिस पर 474 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस दौरान 240 बिस्तरों वाला एक कोविड-19 अस्पताल बनाया गया। जिसने शहर को महामारी से लड़ने की ताकत दी। इस पर 344 करोड़ रुपए खर्च किए गए। शहर में यातायात को सुगम बनाने के लिए 4 स्थानों पर अंडरपास का निर्माण किया गया। अंडरपास के बनने से पहले पूरा शहर ट्रैफिक जाम से जूझता रहता था। यह कार्य 24 करोड रुपए खर्च करके पूरा किया गया है। यमुना नदी और शाहदरा ड्रेन पर 4 लाइन के पुलों का निर्माण करवाया गया। इससे शहर में कनेक्टिविटी बड़ी है। यह दोनों कुल 140 करोड रुपए में बनवाए गए हैं। शहर में युवाओं को स्पोर्ट्स की ओर ले जाने के लिए इनडोर स्टेडियम और शूटिंग रेंज बनाई गई है। यह दोनों स्पोर्ट्स फैसिलिटी इंटरनेशनल लेवल की है। इन पर 150 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। शहर में दैनिक गतिविधियों का केंद्र बन चुका शिल्प हाट बड़ी उपलब्धि है। इस प्रोजेक्ट पर 74 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

पोलूशन नियंत्रण के लिए करोड़ों रुपए खर्च
विधायक ने आगे कहा, "दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण से संघर्ष करता है। पोलूशन पर नियंत्रण पाने के लिए अच्छे पार्कों की जरूरत है। शहर में ₹82 करोड़ खर्च करके सबसे बड़ा शहीद भगत सिंह पार्क बनाया गया। यह बायोडायवसिटी पार्क और प्रदूषण से लड़ने में मदद कर रहा हैं। दिल्ली एनसीआर के शहरों में आवागमन करने वाले वाहन नोएडा से होकर गुजरते हैं। ऐसे वाहनों की संख्या रोजाना लाखों में होती है। इससे शहर में ट्रैफिक को नियंत्रण करना बेहद मुश्किल है। ट्रैफिक पुलिस की मदद करने के लिए ₹56 करोड़ की लागत से कमांड कंट्रोल सेंटर और ट्रैफिक पार्क बनाए गए हैं। ट्रैफिक पार्क में ही गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर का कार्यालय चल रहा है।"

शहर को मिली नई उड़ान
विधायक ने आगे कहा, "शहर के समानांतर गांवों में भी विकास योजनाएं परवान चढ़ी हैं। सर्फाबाद गांव में ₹54 करोड़ खर्च करके एक मिनी स्टेडियम का निर्माण किया गया है। नोएडा एक औद्योगिक शहर है। इस बात को ध्यान में रखते हुए उद्योगों के विस्तार पर जोर दिया जा रहा है। ₹50 करोड़ की लागत से 3 नई इंडस्ट्रियल सेक्टर-145, 151 और 158 का विकास किया गया है। शहर के सेक्टर-10 और सेक्टर-17 में ₹22 करोड़ की लागत से मास्टर ग्रीन पार्क बनाया गया है। नोएडा के अंतरराष्ट्रीय शहर है, यहां देश और दुनिया के तमाम निवेशक उद्योगपति और पर्यटक आते हैं। शहर को खूबसूरत और अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए ₹10 करोड़ की लागत से तीन एंट्री-पॉइंट पर प्रवेश द्वार बनाए गए हैं।"

योगी आदित्यनाथ के सपने हुए पूरे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जोर बिजली बचाने पर है पिछले कार्यकाल की शुरुआत करते वक्त नोएडा भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने सोडियम लाइटों को बदलकर एलइडी लगाने का आदेश दिया था। इस पर अमल किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में 19,360 और शहरी क्षेत्रों में 87,660 एलईडी लाइट लगाई गई है। यह बेहद उत्साहजनक और रिकॉर्ड तोड़ काम रहा है। जिसके लिए शहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने 3 अवार्ड भी दिए हैं।

कुछ महीनों नोएडा को मिलेगी 3,227 करोड़ रुपए की योजनाएं
पंकज सिंह ने आने वाले कुछ महीनों के दौरान पूरी होने वाली विकास योजनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि अगले कुछ महीनों में 3,227 करोड रुपए के बजट पर योजनाएं पूर्ण होंगी। इनमें 158 करोड रुपए खर्च करके बनाया जा रहा है। इसमें सिटी बस टर्मिनल भी शामिल है। शहर के यातायात को सुगम और बेहतर बनाने के लिए 2 नए एलिवेटेड रोड और एक फ्लाईओवर का निर्माण चल रहा है। इन पर 1,154 करोड रुपए खर्च किए जा रहे हैं। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के पास नोएडा साउथ का इलाका बहुत तेजी के साथ विकसित हो रहा है। यहां आने वाले दिनों में शहर का सबसे खूबसूरत आवासीय क्षेत्र बन जाएगा। नोएडा साउथ में 737 करोड रुपए की हैबिटेट सेंटर और गोल्फ कोर्स परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है।

यह विकास कार्य भी तेजी पर
पंकज सिंह ने आगे कहा, "एक जिम्मेदार शहर होने के नाते हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना नितांत आवश्यक है। शहर से निकलने वाले 100 प्रतिशत सीवर को साफ करने की क्षमता विकसित की जा रही है। इसके लिए सेक्टर-168 में 100 एमएलडी और सेक्टर-123 में 80 एमएलडी के दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य कर रहे हैं। इन पर 259 करोड रुपए खर्च किए जा रहे हैं। नोएडा शहर का पानी हार्ड और नमकीन है। इसका सीधा उपयोग पेयजल के रूप में करना संभव नहीं है। लिहाजा, पूरे शहर में गंगा जल परियोजना का विस्तार किया जा रहा है। नोएडा के नए हिस्सों में 37.50 सेट गंगाजल पहुंचाने के लिए 218 करोड रुपए की परियोजना पर काम चल रहा है। शहर में इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम प्रोजेक्ट प्रगति पर है। इस पर ₹65 करोड़ खर्च हो रहे हैं। नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच एक्सप्रेसवे लाइफ लाइन के रूप में काम करता है। लंबे अरसे से इस मार्ग को मरम्मत की आवश्यकता थी। इस मरम्मत कार्य पर ₹610 करोड़ खर्च हो रहे हैं। अगले कुछ दिनों में यह काम पूरा हो जाएगा। शहर के सेक्टर-78 में ₹27 करोड़ से वेद पार्क सेक्टर-91 और सेक्टर 54 में ₹10 करोड़ की लागत से 2 वेटलैंड विकसित किए जा रहे हैं। सिंचाई नाले पर ₹21 करोड़ खर्च करके तीन वेटलैंड का निर्माण किया जा रहा है। सेक्टर-33ए में 6 करोड रुपए की लागत से शिवालिक पार्क का विकास हो रहा है।

5 वर्षों में 20,577 करोड़ रुपए का विकास हुआ
विधायक ने आगे बताया कि बहुत जल्दी 1,168 करोड़ रुपए की विकास योजनाएं शुरू होंगी। इनमें 1,125 करोड रुपए की लागत से एक्वा लाइन मेट्रो का विस्तार किया जाएगा। एक्वा लाइन मेट्रो के दो एक्सटेंशन प्रस्तावित है। देश का सबसे बड़ा हेलीपोर्ट सेक्टर-151ए में बनाया जा रहा है। इस पर ₹450 करोड़ खर्च हो रहे हैं। कुल मिलाकर पिछले 5 वर्षों के दौरान 20,577 करोड़ रुपए की विकास योजनाएं नोएडा शहर को मिली है। योगी आदित्यनाथ सरकार के दौरान नोएडा शहर का अभूतपूर्व विकास हुआ है। मुझे पूरा भरोसा है कि यह प्रक्रिया अगले 5 वर्षों के दौरान और गति से आगे बढ़ेगी।

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