किसानों के हित में गरज उठे, बोले- जो सरकार साथ देगी उसी की जीत होगी

राकेश टिकैत से एक्सक्लूसिव बातचीत : किसानों के हित में गरज उठे, बोले- जो सरकार साथ देगी उसी की जीत होगी

किसानों के हित में गरज उठे, बोले- जो सरकार साथ देगी उसी की जीत होगी

Tricity Today | Rakesh Tikait

Noida News : बीते कुछ सालों किसानों की आवाज बन चुके राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को कौन नहीं जनता। सुर्खियों में रहना उनका शगल है। राकेश टिकैत देश के धुरंधर किसान नेताओं में शुमार हैं। दुनियाभर में वह अपनी पहचान के मोहताज नहीं हैं। भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अपने बेबाक अंदाज के लिए चार्चाओं में बने रहते हैं। देश और राजनीति के मौजूदा हालात पर राकेश टिकैत से खास बातचीत की। राकेश टिकैत ने राम मंदिर, बीजेपी और केजरीवाल के जेल जाने के सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने साफ कहा कि 'अरविंद केजरीवाल को जेल भेजने में कुछ गलत नहीं है'...। बातचीत के दौरान एक ऐसा सवाल आया, जिससे वह कुछ असहज से लगे, लेकिन फिर वही बेबाकी उनकी जुबान पर तैर गई। उन्होंने कहा, 'योगी आदित्यनाथ से हमारी किसी प्रकार की कोई सेटिंग नहीं है।' आइए जानते हैं किसान नेता राकेश टिकैत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत के प्रमुख अंश...

'मंदिर तो हमारी आस्थाओं का केंद्र है'
इसके आगे उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने को लेकर कहा कि मंदिर तो हमारी आस्थाओं का केंद्र है। मंदिर तो हर किसी को जाना चाहिए। यदि मंदिर में कोई बोर्ड लग जाएगा कि यह बीजेपी का मंदिर है, तो शायद उस दिन कोई आदमी मंदिर न जाए। इसके साथ उन्होंने अयोध्या राम मंदिर जाने को लेकर जवाब दिया कि राम पहले थे या सरकार पहले थी। जब राम जी पहले थे हम क्यों न जाए राम मंदिर। इसके आगे उन्होंने यह भी कहा कि हर किसी को राम मंदिर जाना चाहिए। जिनकी आस्था है उसे राम मंदिर जरूर जाना चाहिए। 

'समाज का रंग पहनना कोई गुनाह थोडे है'
राकेश टिकट से जब हमारी टीम ने पूछा कि बीते दिनों अपने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए, पिछले कुछ दिनों से आपके साफा का अलग रंग मे नजर आ रहा है... क्या केवल साफे का रंग बदला है या इसके साथ कुछ और भी संकेत है। इसका जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि पिछले कई साल से यह ही रंग है। यह रंग तो समाज का रंग है। समाज का रंग पहनना कोई गुनाह थोडे है... इसके आगे उन्होंने कहा कि तिरंगे झंडे का पहला रंग भी यही है।

किसानों को दी सलाह- राकेश टिकैत
इसके बाद जब राकेश से पूछा गया कि नेता किसान जैसे बात कर रहे हैं और किसान नेता जैसी बात कर रहे है... इसको लेकर जनता कंफ्यूज हो गई है कि आज नेता किसान हो गए और किसान नेता हो गए। जिसका जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि ऐसा नहीं है। हम अभी कुछ दिनों पहले ही बक्सर गए थे और बाई रोड गए थे। जहां हमने किसानों को यह सलाह दी कि अपने खेतों की कटाई करें, क्यों की समय बहुत कम है...कभी भी बारिश हो सकती है। इसके आगे कहा कि उस समय रास्ते में जो भी मंदिर पड़े हमने सभी मंदिरों के दर्शन करें।

'हम चुनाव लड़ते नहीं हैं हम सिर्फ वोट देते हैं'
इन प्रश्नों के बाद जब राकेश टिकैट से पूछा गया कि आज कल यह राय बनती जा रही है की किसान यूनियन देश में विपक्ष की जिम्मेदारी निभा रही है। भाजपा के नेता अक्सर यह कहते रहते हैं कि वह किसान है तो सिर्फ किसानी ही करें। टिकैट राजनीति में क्यों दखलंदाजी करते है। इसका जवाब देते हुए राकेश टिकैट ने कहा की हमारा दखलंदाजी देने का कोई काम नहीं है। हमारे संगठन में भी हर पार्टी के लोग हैं। वहां हर तरह के विचारधारा के लोग हैं। हम नॉन पॉलिटिकल लोग है, हम चुनाव लड़ते नहीं हैं हम सिर्फ वोट देते हैं।

किसान अपने मुद्दों के आधार पर वोट देगा या देखेंगे जाति 
राकेश टिकैट ने कहा कि देश में पॉलिटिकल सिस्टम से कुछ नहीं होगा। सबका अपना संगठन होना जुरूरी है तभी सरकार कुछ कर पाती है। पहले छत्तीसगढ़ में दूसरे की सरकार थी वह भी यही काम कर रही थी। अब दूसरी सरकार आ गई अब भी जंगल काटे गए। पॉलीटिकल सिस्टम एक सरकार चलाने का सिस्टम है अगर आपका संगठन मजबूत होगा तो अधिकारी आपका काम तुरंत करेंगे। आपकी बातों को सुना जाये इसके लिए संगठन का मजबूत होना जरूरी है। 

सीएम योगी के साथ मिलकर पिघल गए क्या राकेश टिकैत?
राकेश टिकैत कहते हैं कि जो लोग यह आरोप लगा रहे हैं वह बेबुनियादी है। यूपी में कई मामले ऐसे आए जहां पर परिणाम सही आए। सीएम योगी ने किसानों के साथ हो रहे अत्याचारों पर सही निर्णय लिया। लखीमपुर जैसी घटना में 50-50 लाख रुपए मुआवजा दिया गया। लोगों को सिक्योरिटी मिली नौकरियां मिली। जो सरकार सही करेगी हम उससे सहमत है इसका मतलब यह नहीं है कि हम उस पार्टी को सपोर्ट  करते है। 

किसान कानून और काले कानून को लेकर क्या बोले राकेश टिकैत
देश में आंदोलन होंगे सरकार यह सरकार रहे या दूसरी आए। काले कानून को किसी की हिम्मत नहीं है जो लेकर आए। आने वाले समय में पार्टी इस कानून को मॉडिफाइड करके लाने की कोशिश भी करेगी। ऐसे कानून को लाने वाली कोई पार्टी नहीं है। यह पूंजीपतियों का एक संगठन है। सरकार कोई भी हो हमारा आंदोलन चलता ही रहेगा। हमारा किसी सरकार से कोई लगाव नहीं है। सरकार की पॉलिसी खराब होगी तो हम उसका निश्चित रूप से विरोध करेंगे।

राकेश टिकट राजनीति के बारे में क्या सोचते हैं
जो विपक्ष में रहेगा जेल में न जाए फिर काहे का नेता। चौधरी चरण सिंह और अटल बिहारी वाजपेई वह भी कई साल जेल में रहे। नेता की बोर्ड की परीक्षा जेल में होती है। जेल में जाना पड़ेगा या सरेंडर कर दो या सामने वाली पार्टी में शामिल हो जाओ। यही विकल्प बचते है निर्णय आपका है।

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