नोएडा ट्विन्स टावर ध्वस्तीकरण के लिए 3 महीने क्यों मांगे, एडिफिस एजेंसी के पार्टनर उत्कर्ष मेहता की 'ट्राईसिटी टुडे' से खास बातचीत

Video Interview : नोएडा ट्विन्स टावर ध्वस्तीकरण के लिए 3 महीने क्यों मांगे, एडिफिस एजेंसी के पार्टनर उत्कर्ष मेहता की 'ट्राईसिटी टुडे' से खास बातचीत

नोएडा ट्विन्स टावर ध्वस्तीकरण के लिए 3 महीने क्यों मांगे, एडिफिस एजेंसी के पार्टनर उत्कर्ष मेहता की 'ट्राईसिटी टुडे' से खास बातचीत

Tricity Today | एडिफिस के उत्कर्ष मेहता से Exclusive बातचीत

Noida News : "ट्राईसिटी टुडे" से सुपरटेक ट्विन्स टावर तोड़ने वाली एजेन्सी एडिफिस ने खास बातचीत की है। एडिफिस एजेन्सी के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने हमारी टीम से खास बातचीत की और बताया कि उन्होंने आखिरकार क्यों सुप्रीमकोर्ट से 3 महीनों का अतिरिक्त समय मांगा है। उन्होंने "ट्राईसिटी टुडे" को बताया कि वो कब तक दोनों टावर को ध्वस्त करेंगे और कितने किलो विस्फोटक लगेगा।



28 अगस्त तक का सुप्रीमकोर्ट ने समय दिया
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन्स टावर तोड़ने वाली कंपनी को राहत दी है। ट्विन्स टावर तोड़ने का जिम्मा अफ्रीकन कंपनी एडिफिस को मिला है। एजेंसी को ट्विन्स टावर अब 28 अगस्त तक तोड़ना होगा। पहले सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई की तारीख दी थी। आखिरकार एडिफिस कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से 3 महीने का समय क्यों मांगा ? इस सवाल के जवाब के लिए शनिवार को "ट्राईसिटी टुडे" की टीम ने एडिफिस एजेंसी के पार्टनर उत्कर्ष मेहता से बातचीत की। पूछा कि ट्विन्स टावर को तोड़ने के लिए क्या चैलेंज सामने आ रहे हैं?

उत्कर्ष मेहता बोले- सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत
उत्कर्ष मेहता ने "ट्राईसिटी टुडे" की टीम से खास बातचीत करते हुए कहा, "ट्विन्स टावर को तोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हमको (एडिफिस एजेंसी) 3 महीने का समय दिया है। पहले दोनों टावर 22 मई को तोड़े जाने थे, लेकिन अब 28 अगस्त को दोनों टावर ध्वस्त किए जाएंगे। यह मांग आसान नहीं थी। क्योंकि सुप्रीमकोर्ट को कन्वेंस करना था कि आखिरकार हम अतिरिक्त 3 महीने क्यों मांग रहे हैं।"

इन स्थानों पर लगाए जाएंगे विस्फोटक
आशुतोष मेहता ने कहा, "हमने इस पर कार्य शुरू किया तो पता चला कि यह बिल्डिंग काफी मजबूत है। इसलिए हमने टेस्ट ब्लास्ट प्लान किया। टेस्ट प्लानिंग में पता चला कि दोनों ट्विन्स टावर के बेसमेंट पिलर काफी मजबूत हैं। जो डिजाइन हमने बनाए थे, जैसे नंबर ऑफ रेप्स हमने टेस्टिंग ब्लॉस्ट से पहले बना दिए थे, लेकिन टेस्टिंग ब्लास्ट के बाद दोबारा से बनाए गए हैं। फिलहाल हम 32वीं मंजिल से छठी मंजिल तक 4-4 रैप्स कर रहे हैं। इसके अलावा छठी मंजिल से लेकर बेसमेंट तक 6-6 रैप्स कर रहे हैं। जबकि पहले 2-2 रैप्स पर पूरी बिल्डिंग प्लान की गई थी। पहले विस्फोटक पदार्थ भी कम लग रहा था, लेकिन अब विस्फोटक पदार्थ की मात्रा बढ़ा दी गई है। अब करीब 4 टन विस्फोटक लगेगा। पहले 3 टन विस्फोटक लगाने की योजना थी। अब करीब 33% अधिक विस्फोटक पदार्थ ध्वस्तीकरण में लगाया जाएगा।"

28 अगस्त से पहले ही दोनों टावर ध्वस्त होंगे
उन्होंने आगे बताया, "हम अभी 10 प्राइमरी फ्लोर और 7 सेकेंडरी फ्लोर पर विस्फोटक लगाएंगे। कुल मिलाकर 17 मंजिलों को ब्लास्ट किया जाएगा। ट्विन्स टॉवर में कुल 32 मंजिल हैं। प्राइमरी फ्लोर का मतलब पूरा फ्लोर और सेकेंडरी फ्लोर का मतलब 30-40 प्रतिशत फ्लोर ही ब्लास्ट किया जाएगा। हमने अभी तक 55 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है। जून के अंतिम सप्ताह तक हम कहां तक और कितना कार्य कर पाते हैं, उनके हिसाब से हम ट्विन्स टावर को तोड़ेंगे। हो सकता है हम 28 अगस्त से पहले ही दोनों टावर को ध्वस्त कर दें।"

मौसम का असर पड़ेगा
आशुतोष मेहता ने आगे जानकारी देते हुए कहा, "मौसम इस समय करवट बदल रहा है। वैसे तो बदलते मौसम से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि बिल्डिंग के अंदर काम किया जाएगा, लेकिन बारिश का असर थोड़ा बहुत तो हर जगह पड़ता है। फिर भी प्रयास है कि 15 अगस्त के आस-पास कभी भी ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया जाएगा।"

नोएडा अथॉरिटी ने आपत्ति जाहिर की
करीब दो सप्ताह पहले जिम्मेदार एजेंसी ने नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के चेयरमैन से 3 महीने का अतिरिक्त समय मांगा था। जिस पर नोएडा अथॉरिटी ने आपत्ति जाहिर की। नोएडा अथॉरिटी ने आपत्ति जाहिर करने के बाद अपने अफसरों के साथ बैठक भी की थी, लेकिन इस मीटिंग में भी यही फैसला लिया गया था कि अब एडिफिस एजेंसी को तीन महीनों का समय नहीं दिया जाएगा। इसके बाद जिम्मेदार एजेंसी के इंजीनियर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। अब सुप्रीम कोर्ट ने ट्विंस टावर को तोड़ने के लिए 3 महीने का समय जिम्मेदार एजेंसी को दे दिया है। आपको बता दें कि पहले 22 मई को दोनों टावर थोड़े जाने थे, लेकिन अब इसकी डेडलाइन बढ़ाकर 28 अगस्त कर दी गई है।

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