Noida International Airport : नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) से जोड़ने का अभियान शुरू हो गया है। इसके लिए हरियाणा के बल्लभगढ़ से जेवर तक 31 किलोमीटर लंबा हाईवे बनाया जाएगा। इस प्रस्तावित रूट का सर्वे हो चुका है और डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी एसए इंफ्रास्ट्रक्चर को सौंपी गई है। जल्द ही एजेंसी डीपीआर तैयार कर प्रस्तुत करेगी।
जानकारी के मुताबिक इस रूट के लिए जेवर के 4 गावों की 132 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने अपर जिलाधिकारी एडीएम को भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है। एनएचएआई ने आगे बढ़ने से पहले सर्वे में चिन्हित किए गए जेवर तहसील के 132 हेक्टेयर भूमि के नंबरों को सत्यापन के लिए भेजा है। बताते चलें कि जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने का काम एनएचएआई कर रही है।
7 किलोमीटर लंबा हाईवे बनेगा
इसके तहत नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को हरियाणा के बल्लभगढ़ में एक्सप्रेसवे से कनेक्ट किया जाएगा। इसके बीच की दूरी करीब 31 किलोमीटर है। इसमें 6 लेन हाईवे बनाया जाएगा। इसमें करीब 24 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में आएगा, जबकि 7 किमी का हिस्सा गौतमबुद्ध नगर में आएगा। जल्द निर्माण कार्य शुरू कर पूरा कराने के लिए एनएचएआई ने एसए इंफ्रास्ट्रक्चर को सर्वे और डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
132 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी
मिली जानकारी के मुताबिक एसए इंफ्रास्ट्रक्चर कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड ने जेवर क्षेत्र के 4 गावों की 132 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की है। हालांकि मसौदे की अधिसूचना जारी कराने से पहले एनएचएआई ने जिला प्रशासन को जेवर तहसील के गांव फलैंदा बांगर, करौली बांगर, दयानतपुर और वल्लभनगर गांव की 132 हेक्टेयर जमीन के गाटा संख्याओं के सत्यापन और पुनरीक्षण का जिम्मा दिया है।
यातायात में सहूलियत मिलेगी
बताते चलें कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे से नोएडा एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए जो हाईवे बनाई जाएगी, उससे स्थानीय लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी। फिलहाल जेवर से बल्लभगढ़ तक जाने के लिए स्थानीय लोगों को पलवल के रास्ते घूम कर जाना पड़ता है या फिर दिल्ली के रास्ते पहुंचते हैं। लेकिन इस नई सड़क से यातायात सुगम हो जाएगा और घंटों की दूरी मिनटों में हो जाएगी। साथ ही इस रूट पर भविष्य में औद्योगिक विकास की संभावनाएं भी बनी रहेंगी इसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा।