सुखबीर पहलवान समेत 10  किसान भूख हड़ताल पर बैठे, कहा- होगी आरपार की लड़ाई

NOIDA BREAKING : सुखबीर पहलवान समेत 10 किसान भूख हड़ताल पर बैठे, कहा- होगी आरपार की लड़ाई

सुखबीर पहलवान समेत 10  किसान भूख हड़ताल पर बैठे, कहा- होगी आरपार की लड़ाई

Tricity Today | अनशन

Noida : नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के खिलाफ 100 दिन से अधिक समय से अपनी मांगों को लेकर 81गांवों किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे। सोमवार को किसान नेता सुखबीर खलीफा समेत किसान प्राधिकरण के गेट के खिलाफ अनशन पर बैठ गए हैं। अनशन पर बैठे किसानों का कहना है जब तक उनकी मांगे मानी नहीं जाएगी तब तक अनशन जारी रहेगा।

नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन को 4 महीना लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन, किसान और प्राधिकरण के बीच समस्याओं का हल अभी तक नहीं हो पाया है। इस कड़ी में किसानों के समर्थन में तमाम विपक्षी दल के नेता भी अपना समर्थन देने किसानों के बीच पहुंच रहे हैं। नोएडा प्राधिकरण के गेट पर चल रहे प्रदर्शन में काफी संख्या में महिला भी हिस्सा ले रही हैं। सुरक्षा को देखते हुए भारी पुलिस बल मौके पर तैनात है।

4 महीने से लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन : सुखबीर खलीफा
किसान नेता सुखबीर खलीफा का कहना है, हम अपनी मांगों को लेकर 4 महीने से लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान अपनी बात हर तरीके से सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की है। लेकिन अभी तक किसानों की समस्या का हाल नहीं निकला है। गांधीवाद तरीके से अनशन पर बैठ कर प्रदर्शन करेंगे। किसानों की आबादी संबंधित मामले बढे हुए दर से मुआवजा देने और विकसित भूखंड सहित सभी मांगों को मान नहीं लिया जाता, तब तक हम अनिश्चितकाल तक अनशन पर बैठे रहेंगे। किसान नेता ने कहा की नोएडा प्राधिकरण पर आए दिन घोटाला होता है लेकिन सरकार कुछ नहीं करती। किसानों के साथ अन्याय हो रहा है।  चार महीने से प्राधिकरण की हो रखी है किलेबंदी
पिछले करीब 4 महीने से किसान रह-रहकर प्राधिकरण पर हल्ला बोल रहे हैं। आये दिन किसानों की भीड़ प्राधिकरण की ओर कूच कर देती है। हालात संभालने के लिए प्राधिकरण को चारों ओर से सील किया गया है। तीन-तीन स्तर पर बैरिकेडिंग करके किलेबंदी की गई है। 24 घंटे प्राधिकरण के बाहर पुलिस का पहरा है। दूसरी और किसान लगातार प्राधिकरण में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि प्राधिकरण में बैठे अधिकारी खुद को कॉरपोरेट कंपनी अफसर मानते हैं। उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि किसानों की जमीन पर ही उनका दफ्तर बना है। इसके बावजूद किसानों को प्राधिकरण के दफ्तर में घुसने की इजाजत नहीं है।

 

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