हक नहीं मिला तो उत्तर प्रदेश का मिनी सचिवालय करेंगे बंद, 21 को होगी तालाबंदी

नोएडा के किसानों ने किया ऐलान : हक नहीं मिला तो उत्तर प्रदेश का मिनी सचिवालय करेंगे बंद, 21 को होगी तालाबंदी

हक नहीं मिला तो उत्तर प्रदेश का मिनी सचिवालय करेंगे बंद, 21 को होगी तालाबंदी

Tricity Today | symbolic Image

Noida News : समस्याओं और मांगों का निस्तारण न होने से किसानों में रोष बढ़ता जा  रहा है। बीते दो माह से धरने पर बैठे किसानों ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण ​उत्तर प्रदेश का मिनी सचिवालय है। 21 सितंबर को उस मिनी सचिवालय पर ताला जड़ दिया जाएगा। अथॉरिटी के अफसरों के साथ बैठकों के बावजूद कोई रास्ता नहीं निकल रहा है। 21 सितंबर के आंदालेन को सफल बनाने के लिए किसान नेता गांव-गांव में जाकर जनजागरण अभियान चला रहे हैं।

नोएडा प्राधिकरण में ताला जड़ देंगे : किसान
किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने बताया कि भूमि अधिग्रहण के 50 साल बाद भी किसानों को उनका हक नहीं दिया गया है। किसान अपनी मांगों को लेकर काफी सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके बावजूद इंसाफ की रोशनी कहीं भी दिखाई नहीं दे रही है। जिसकी वजह से 21 सितंबर को किसान नोएडा प्राधिकरण में ताला जड़ देंगे। उन्होंने बताया कि किसानों की लंबे समय से मांगें लंबित पड़ी हुईं हैं। इन्हीं मुद्दों को लेकर किसान धरने पर बैठे हुए हैं। बीच में, अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। लेकिन, अब तक किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया गया है।

नए सीईओ भी नहीं करवा पाए समाधान
किसान नेता अतुल यादव ने बताया कि हम प्राधिकरण को पर्याप्त समय दे चुके हैं। नए सीईओ को आए दो महीने से अधिक समय हो गए हैं। लेकिन वे भी किसानों की समस्याओं को हल करने में नाकाम रहे। हालांकि उन्हें ही निर्णय लेना है। मुद्दों को लटकाए जाने की कोई ठोस वजह नहीं है। प्राधिकरण और शासन किसानों की परीक्षा ले रहा है। उनके वाजिब मुद्दों को लटकाकर आंदोलन को लंबा खींचकर थकाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन आंदोलन अपने मुकाम पर पहुंच कर रहेगा। इसी संकल्प के साथ आंदोलन शुरू हुआ था। अब मुद्दों को हल कर करके ही दम लेंगे। 

पंकज सिंह का किया था घेराव
किसान नेता सोनू यादव ने कहा कि इससे पूर्व किसानों ने 21 अगस्त को नोएडा विधायक पंकज सिंह का घेराव किया था, जहां किसानों से पंकज सिंह ने कहा था, “मैं किसानों के साथ हूं, जब तक किसानों की बात नहीं मानी जाती है। हम किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते रहेंगे”, इसके बावजूद प्राधिकरण के अधिकारी सुनते सबकी हैं, लेकिन करते अपने मन की हैं। ना ही किसानों को 10% के बारे में कुछ कहते हैं और ना ही उनकी आबादी निस्तरण के बारे में भी कोई ठोस निर्णय लिया गया है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.