ऊंची लिपटे देख सोसाइटियों में मची अफरा-तफरी, प्रदूषण से लाखों लोग परेशान

नोएडा के डंपिंग ग्राउंड में लगी भीषण आग : ऊंची लिपटे देख सोसाइटियों में मची अफरा-तफरी, प्रदूषण से लाखों लोग परेशान

ऊंची लिपटे देख सोसाइटियों में मची अफरा-तफरी, प्रदूषण से लाखों लोग परेशान

Tricity Today | नोएडा के डंपिंग ग्राउंड में लगी भीषण आग

Noida : नोएडा के सेक्टर 32 में कूड़े के ढेर में गुरुवार देर रात आग लगने के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कूड़े के ढेर से ऊंची लपटें उठती देख पूरे इलाके में भय का माहौल हो गया। जिसके बाद इसकी सूचना दमकल विभाग को दी गई। मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाने का काम शुरू किया। हर तरफ धुआं ही धुआं नजर आ रहा था। आग लगने कि सूचना तत्काल दमकल विभाग को दी गई, कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। यह आग थाना 24 क्षेत्र में लगी है। आग लगने की वजह से नोएडा में प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ गया है। जिसके कारण नोएडा के लाखों लोगों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही है।

चार दमकल विभाग की गाड़ियां पहुंची
आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। कूड़े का ढेर और झाड़ियों में आग लगने के कारण आसपास के इलाकों में काफी धुआं फैल गया। झाड़ी में आग लगने के कारण फायर विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। नोएडा पुलिस और 4 दमकल विभाग की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया है।  समय रहते आग पर काबू पा लिया गया।

शरारती तत्वों द्वारा कूड़े में लगाई गई आग
सीएफओ प्रदीप चौबे ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के डंपिंग ग्राउंड में पड़े कूड़े के ढेर में आग लग गई थी। जिसको स्थानीय पुलिस और फायर बिग्रेड की मदद से बुझा लिया गया है। कोई जनहानि नहीं है। वरना हादसा बड़ा भी हो सकता था। उन्होंने बताया कि आग किन कारणों से लगी है, इसकी जानकारी अभी नहीं हो पाई है। जिसकी जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया किसी शरारती तत्वों द्वारा कूड़े के ढेर में आग लगाने की हरकत की गई है ऐसा प्रतीत हो रहा है।

प्रदूषण से लाखों लोग परेशान
इस आग के कारण पूरे शहर में प्रदूषण फैल रहा है। सेक्टर-22 में रहने वाले त्रिलोक चंद शर्मा ने बताया, "करीब 18 घंटे बाद भी आसपास रहने वाले निवासियों को जहरीले धुएं से राहत नहीं मिली है। पूरे माहौल में धुंआ छाया हुआ है। आसमान में धुंध की चादर छाई है। लगभग एक किलोमीटर के क्षेत्र में आग फैली है। अभी तक आग बुझाने में अग्नि शमन विभाग फेल है। नोएडा की सीईओ से लेकर अपर मुख्य सचिव (पर्यावरण) और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव तक शिकायत भेजी गई है।"

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