Noida : बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा हत्याकांड की आग नोएडा तक पहुंच गई है। बुधवार को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेताओं ने नोएडा की सड़क पर उतरकर खूब हंगामा किया। हिंदू संगठन के नेताओं ने नोएडा की सड़क से डीएम ऑफिस तक जुलूस निकाला है। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में हिंदू संगठन के लोग मौजूद रहे। हिंदू संगठन की मांग है कि हर्षा हत्याकांड के आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए। इसको लेकर हिंदू संगठन गृह मंत्री अमित शाह के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपने आए हैं।
"हर्षा के हत्यारों को गोली मारो" के नारे लगे
प्रदर्शन करते समय हिंदू संगठन के नेताओं ने कहा कि हर्षा हत्याकांड के आरोपियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। इसके अलावा पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देनी चाहिए। इस विषय को लेकर ही हिंदू संगठनों ने नोएडा की सड़कों पर बुधवार को जुलूस निकाला है। इस दौरान हर्षा के हत्यारों को गोली मारो और हिंदू एकता जिंदाबाद के नारे लगाए गए।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीते रविवार को कर्नाटक के शिमोगा में बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की हत्या कर दी गई थी। हर्षा हत्याकांड की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है। हिंदू संगठन से जुड़े कार्यकर्ता की हत्या होने के बाद पूरे देश में हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। हर्षा हत्याकांड के पीछे हिजाब विवाद माना जा रहा है। हर्षा के परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि वह हिंदू परिवार से तालुकात रखता था। इस मामले के बाद कर्नाटक में स्थिति साफ नहीं है। हालांकि, कर्नाटक पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई भी की है।
अभी तक 6 आरोपी गिरफ्तार
हर्षा हत्याकांड में कर्नाटक पुलिस ने अभी तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। शिमागो के एसपी लक्ष्मी प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनकी पहचान काशिफ, नदीम, रहमान शरीफ, निहान, आसिफउल्लाह और अब्दुल अफनान के रूप में हुई हैं। इसके अलावा 12 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
शिमागो में कर्फ्यू लगा लागू
वहीं, दूसरी ओर शिमागो में इस समय कर्फ्यू लगा हुआ है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। हिजाब विवाद काफी तेजी के साथ आग की तरह फैलता जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी हिजाब विवाद ट्रैंड पर है। पुलिस हालत को सामान्य करवाने में लगी हुई है। इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने सुनवाई भी की है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा था कि हिजाब पहनना संवैधानिक अधिकार नहीं है।