न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय ने स्वीकार की अग्रिम जमानत याचिका
2012 में भ्रष्टाचार का हुआ था मामला दर्ज
Noida News : नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह पर अरबों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप है। इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए यादव सिंह को बड़ी राहत प्रदान की। भ्रष्टाचार के एक नए मामले में गिरफ्तारी की आशंका से जूझ रहे यादव सिंह की अग्रिम जमानत याचिका को न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय ने स्वीकार कर लिया। यह निर्णय यादव सिंह के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है, क्योंकि इससे पहले मई में भी उन्हें शीर्ष अदालत से राहत मिली थी।
तीन साल तक जेल में रहे
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने सिंह के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता एनके कौल की दलीलों को ध्यान से सुना। कौल ने तर्क दिया कि केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा पूरक आरोप पत्र दाखिल करने के बाद सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि सिंह पहले ही तीन साल से अधिक समय जेल में बिता चुके हैं और अब उन्हें फिर से गिरफ्तारी का खतरा है। खंडपीठ ने यादव सिंह की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
1 अक्टूबर 2019 को मिली थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने यादव सिंह को पहले भी 1 अक्टूबर 2019 को जमानत दी थी। उस समय अदालत ने कहा था कि वह सिंह को निचली अदालत द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा करना उचित समझती है। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अदालत ने यह भी कहा था कि अगर सबूतों या गवाहों के साथ छेड़छाड़ की कोई आशंका हो, तो जमानत रद्द करने का विकल्प खुला रहेगा।
आयकर विभाग ने की छापेमारी
इसके अलावा 25 अक्टूबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज एक अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी सिंह को जमानत दी थी। यह मामला 2015 में शुरू हुआ था, जब ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर सिंह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए थे। सिंह के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत नवंबर 2014 में हुई थी, जब आयकर विभाग ने छापेमारी के दौरान पाया कि उनकी संपत्ति उनकी घोषित आय से काफी अधिक थी। इसके परिणामस्वरूप, तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
यह है पूरा मामला
भ्रष्टाचार के इस मामले में सिंह पर दिसंबर 2011 में कथित तौर पर 954 करोड़ रुपये के 1280 रखरखाव ठेकों का काम केवल आठ दिनों में कराने का आरोप लगाया गया था। सीबीआई ने जनवरी 2012 में सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया था। इस मामले में यादव सिंह जांच शुरू होने के बाद से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। सीबीआई द्वारा जारी किए गए जमानती वारंट के बाद, यादव सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।