सफाईबाज की स्क्रीनिंग में पहुंचे पूर्व सांसद अशोक प्रधान और युवा नेता प्रताप नागर, कहा- आइना है फिल्म 

Noida News : सफाईबाज की स्क्रीनिंग में पहुंचे पूर्व सांसद अशोक प्रधान और युवा नेता प्रताप नागर, कहा- आइना है फिल्म 

सफाईबाज की स्क्रीनिंग में पहुंचे पूर्व सांसद अशोक प्रधान और युवा नेता प्रताप नागर, कहा- आइना है फिल्म 

Tricity Today | Safaibaaz The Scavenger

Noida News : सामाजिक सरोकारों, खासतौर पर सफाई कर्मचारियों के जिंदगी को ध्यान में रखते हुए बनी फिल्म ‘सफाईबाज द स्कैवेंजर’ की आज नोएडा के लॉजिक्स सिटी सेंटर में स्थित आईमैक्स में स्क्रीनिंग हुई। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद अशोक प्रधान तथा पार्टी के युवा मोर्चा के पूर्व कोषाध्यक्ष प्रताप नागर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे। यह फिल्म 2 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी। इस फिल्म के जरिए निर्माता-निर्देशक ने सफाई कर्मचारियों की जिंदगी को पर्दे पर उतारने की कोशिश की है। 

फिल्म में राजपाल यादव, जॉनी लीवर, उपासना सिंह, अनुपम श्याम ओझा, ओमकार दास मानिकपुरी, मनप्रीत कौर, मनोज पंडित और आशीष अवाना जैसे कलाकार हैं। स्क्रीनिंग में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे दोनों नेताओं ने लेखक, निर्माता और निर्देशकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह फिल्म अपने मकसद में कामयाब है। नालियों, गलियों और सड़कों से गंदगी साफ करने वाले कर्मचारियों के जीवन को रूपहले पर्दे पर उतारना बहुत मुश्किल था। लेकिन फिल्म के निर्माता, निर्देशक यह बखूबी करने में सफलता पाई है। लोग इस फिल्म को बेहद पसंद करेंगे। दोनों नेताओं ने सभी कलाकारों और क्रीव को शानदार फिल्म बनाने के लिए धन्यवाद दिया।

सफाईबाज द स्कैवेंजर
कहानी का मुख्य बिंदु यही है कि किस तरह सफाईबाज अपनी हाड़ तोड़ मेहनत करने के बाद भी सरकारी ठेकेदारों के चंगुल में फंस जाते हैं। सफाईबाज गटर में उतरकर शहीद तो हो जाते हैं, लेकिन उन्हें शहीद का दर्जा तक नहीं मिलता। जाहिर है, बिना सफाईबाजों के शहरों की खूबसूरती एक दिन में ही खत्म हो जाएगी, फिर भी हम इनकी जिंदगी की सच्चाइयों से अंजान हैं, उनके दुख-दर्द से मुंह मोड़े हुए हैं। समाज ने अब तक उन्हें वो सम्मान नहीं दिया है, जिसके वे हकदार हैं। ऐसे में, इस फिल्म को बनाने का उद्देश्य समाज में सफाईबाजों को मान-सम्मान दिलाना तो है ही, साथ सफाई करने के दौरान गुजर चुके स्वच्छता नायकों यानी सफाईबाजों को श्रद्धांजलि देना भी है। सफाईबाज हमारे लिए सामाजिक नायक होने चाहिए, लेकिन विडंबना यह है कि वो गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

श्रम मंत्रालय में महानिदेशक के पद पर रह चुके सेवानिवृत्त डॉ अवनीश सिंह इस फिल्म के लेखक और निर्देशक हैं। इस फिल्म के क्रिएटिव डायरेक्टर अजीत चौबे हैं, जिनकी रचनात्मक परिकल्पना ने इस फिल्म के सामाजिक कैनवास को बहुत बड़ा बना दिया है।  कैमरामैन हैं अयूब अली खान एवम सुशील कुमार। फिल्म के संवाद शैलेंद्र सिंह ने लिखा हैं। वहीं फिल्म का संगीत दिया है स्वरूप होनप और डॉ नीता सिंह ने और इसके गीत लिखे हैं पंडित किरण मिश्रा ने। गीतकार पंडित किरण मिश्रा अब इस दुनिया में नहीं हैं।

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