कैलाश अस्पताल मरीजों की मौत का दोषी पाया गया, कमेटी ने एक्शन के लिए दिया एक हफ्ते का वक्त

BIG BREAKING: कैलाश अस्पताल मरीजों की मौत का दोषी पाया गया, कमेटी ने एक्शन के लिए दिया एक हफ्ते का वक्त

कैलाश अस्पताल मरीजों की मौत का दोषी पाया गया, कमेटी ने एक्शन के लिए दिया एक हफ्ते का वक्त

Google Image | कैलाश हॉस्पिटल

  • पैंडेमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी (PPGC) ने जनपद के 2 बड़े अस्पतालों को पाया दोषी
  • पीड़िता के पति अजय पांडे का कैलाश हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था
  • 17 मई की रात उनके चेहरे से ऑक्सीजन मास्क हटा दिया गया
  • इससे ना सिर्फ मरीज की तबीयत बिगड़ी, बल्कि बाद में मरीज की मौत भी हो गई
  • ड्यूटी में तैनात दोषी कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्यवाही करे अस्पताल
गौतमबुद्ध नगर पैंडेमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी (PPGC) ने जनपद के 2 बड़े अस्पतालों यथार्थ और कैलाश अस्पताल पर लगाए आरोपों को सही ठहराया है। आरोपों की जांच के लिए ग्रीवांश कमेटी की अहम बैठक की गई। इसके बाद यह फैसला लिया गया कि तीनों अस्पतालों ने पैंडेमिक नियमों का उल्लंघन किया है। कैलाश हॉस्पिटल को न सिर्फ अतिरिक्त धनराशि लेने का दोषी पाया गया, बल्कि प्रबंधन की लापरवाही की वजह से पीड़िता के पति की जान भी गई। कैलाश हॉस्पिटल के मालिक गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा हैं।

सेक्टर 59 में स्थित इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर में कमेटी की अहम बैठक हुई। इसमें प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमार, सदस्य दिवाकर सिंह, प्रोफेसर डॉक्टर जी डी त्रिपाठी और गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ की ओर से नामित अधिकारी डॉ ललित तथा डॉक्टर अनिल गुप्ता उपस्थित रहे। बैठक में सबसे पहले नोएडा सेक्टर 71 में स्थित कैलाश हॉस्पिटल पर लगे आरोपों की जांच हुई। पीड़िता कल्पना पांडे ने इस अस्पताल के खिलाफ शिकायत दी थी। जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने इस बारे में जानकारी दी।



आपत्तिजनक टिप्पणी की
पीड़िता के पति अजय पांडे का कैलाश हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। जहां 17 मई की रात उनके चेहरे से ऑक्सीजन मास्क हटा दिया गया। उनसे कहा गया कि तू मर जा। उन्होंने इसकी शिकायत डॉ मनोज पांडे और एमएस डॉ राजेश पाराशर से की। 1 दिन पहले, 16 मई की रात उनके पति ने डायपर में स्टूल पास कर दिया। लेकिन 8 घंटे तक उसकी साफ-सफाई नहीं हुई। जिससे मरीज को अत्यधिक असुविधा हुई। इसकी शिकायत करने पर संबंधित स्टाफ ने कहा कि आज अजय शंकर पांडे का इलाज कर दिया जाए। 

ऑक्सीजन मास्क हटा दिया 
इन आरोपों की जांच करते हुए कमेटी ने पाया कि 17-18 मई की रात को कैलाश अस्पताल के पैरामेडिकल स्टाफ-नर्सिंग स्टाफ में लगे 2 व्यक्तियों ने मृतक से अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने नर्सिंग नियमावली के विपरीत कार्य किया। इससे ना सिर्फ मरीज की तबीयत बिगड़ी, बल्कि बाद में मरीज अजय पांडे की मौत भी हो गई। कमेटी ने इस पर हैरानी जताई कि 17 मई की रात हुई दर्दनाक घटना के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने दोषी कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। जबकि यह बेहद जरूरी था। अब तक हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने उनके नाम भी उजागर नहीं किया है। 

एक हप्ते में देनी होगी रिपोर्ट
कमेटी ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे अस्पताल प्रबंधन दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही करने में रुचि नहीं दिखा रहा है। अब तक जो साक्ष्य मिले हैं, उनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि अस्पताल प्रबंधन ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। कमेटी ने जांच के बाद यह कहा है कि कैलाश अस्पताल प्रबंधन 17 मई की रात अजय पांडे की मौत के दौरान ड्यूटी में तैनात दोषी कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्यवाही करे। इसकी रिपोर्ट 1 हफ्ते के अंदर कमेटी को भेजे। 

सीएमओ करेंगे कार्रवाई
अगर प्रबंधन ऐसा करने में असफल रहता है, तो गौतमबुध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आपदा प्रबंधन और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ-साथ हॉस्पिटल एंड नर्सिंग केयर एंड प्रोटेक्शन नियमावली के तहत अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी हॉस्पिटल मैनेजमेंट की होगी। कमेटी ने कहा है कि अगर पीड़ित पक्ष इस आदेश से संतुष्ट नहीं है, तो वे सक्षम प्राधिकारी/न्यायालय में परिवाद दाखिल कर सकते हैं।

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