Google Image | सिर्फ दो चाइल्ड स्पेशलिस्ट के भरोसे लाखों बच्चे
जिला स्वास्थ्य विभाग डॉक्टरों और अस्पतालों की भारी कमी से जूझ रहा है
जनपद में पीडियाट्रिक समेत तमाम विशेषज्ञ चिकित्सकों का भारी अभाव है
जबकि तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका ज्यादा है
आबादी के लिहाज से जनपद में 2,400 डॉक्टर होने चाहिए
Gautam Buddh Nagar: यूपी की औद्योगिक राजधानी और हाईटेक जिले गौतमबुद्ध नगर प्रशासन का दावा है कि वह कोरोना की तीसरी लहर (Covid Third Waive) से निपटने में सक्षम है। जबकि जिला स्वास्थ्य विभाग डॉक्टरों और अस्पतालों की भारी कमी से जूझ रहा है। आंकड़े बताते हैं कि जिला प्रशासन के दावे हवाहवाई साबित हो सकते हैं। जनपद में पीडियाट्रिक समेत तमाम विशेषज्ञ चिकित्सकों का भारी अभाव है। जबकि तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका ज्यादा है। राज्य सरकार इससे बचाव के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। राजधानी लखनऊ समेत सभी जिला प्रशासन को एलर्ट पर रखा गया है।
गौतमबुद्ध नगर स्वास्थ्य विभाग कोविड की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी कर रहा है। मगर चिकित्सकों की संख्या इतनी कम है कि सारे किए-कराए पर पानी फिर सकता है। इसलिए प्रशिक्षण देकर चिकित्सकों की कमी को दूर किया जा रहा है। थर्ड वेव को ध्यान में रखते हुए पैरामेडिकल स्टाफ को भी पीडियाट्रिक प्रशिक्षण दिया गया है। वेस्ट यूपी के सभी जनपदों के चिकित्सकों को सेक्टर-39 में स्थित अस्पताल में स्किल लैब में ट्रेनिंग दिया गया है। इससे बच्चों के इलाज में मदद मिलती है।
18 हजार की आबादी पर एक डॉक्टर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) के मुताबिक एक हजार की जनसंख्या पर एक डॉक्टर जरूरी है। गौतमबुद्ध नगर में करीब 24 लाख निवासी हैं। आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल यहां 18,750 निवासियों पर एक डॉक्टर तैनात है। आबादी के लिहाज से जनपद में 2,400 डॉक्टर होने चाहिए। जबकि गौतमबुद्ध नगर जिला अस्पताल, सभी सीएचसी व पीएचसी में सिर्फ 128 चिकित्सक तैनात हैं। इनमें से 40 विशेषज्ञ हैं। अन्य 88 डॉक्टर एमबीबीएस हैं।
सिर्फ दो चाइल्ड स्पेशलिस्ट के भरोसे जिला
अब तक के शोध के मुताबिक कोरोना वायरस की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने का खतरा ज्यादा है। जिला प्रशासन ने थर्ड वेव को देखते हुए 360 बेड का पीडियट्रिक आइसीयू तैयार करा दिया है। मगर बच्चों के इलाज के लिए यहां महज दो शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। जबकि आंकड़ों के मुताबिक जिले में 18 वर्ष तक के बच्चों की आबादी लगभग 9 लाख है।
एक नजर में स्वास्थ्य सुविधाएं -
जिले में मौजूद सरकारी अस्पताल
जिला अस्पताल : 01
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) : 06
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) : 33
जिला अस्पताल में चिकित्सकों की जरूरत : 40, तैनात - 26
हर सीएचसी में चिकित्सकों की जरूरत : 30, तैनात - 02
हर पीएचसी में चिकित्सकों की जरूरत : 08, तैनात - 01
जनपद की सभी सीएचसी, पीएचसी में फिजीशियन, ऑर्थो सर्जन, मनोरोग विशेषज्ञ, सामान्य सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट, गॉयनोलाजिस्ट, ईएनटी, शिशु रोग विशेषज्ञ, आई सर्जन और त्वचा रोग विशेषज्ञ विशेषज्ञों की भारी कमी है। नोएडा जिला अस्पताल भी फिजीशियन, सर्जन, ईएनटी, शिशु रोग विशेषज्ञ और त्वचा रोग विशेषज्ञ के अभाव से जूझ रहा है।
संभावित थर्ड वेव को देखते हुए सभी डॉक्टर को पीडियाट्रिक प्रशिक्षण दिया गया है। जरूरत पड़ने पर कुछ चिकित्सक शासन से मांगे जाएगें। बच्चों के इलाज के लिए एक अत्याधुनिक अस्पताल तैयार है। - डॉ सुनील कुमार शर्मा, सीएमओ गौतमबुद्ध नगर