गौतमबुद्ध नगर मॉडल की केंद्र सरकार ने की सराहना, कहा- दूसरे शहरों को भी सीखना चाहिए

कोरोना से जंग : गौतमबुद्ध नगर मॉडल की केंद्र सरकार ने की सराहना, कहा- दूसरे शहरों को भी सीखना चाहिए

गौतमबुद्ध नगर मॉडल की केंद्र सरकार ने की सराहना, कहा- दूसरे शहरों को भी सीखना चाहिए

Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर मॉडल की केंद्र सरकार ने की सराहना

  • - गौतमबुद्ध नगर के अभियान पर केंद्र सरकार खुश
  • - गौतमबुद्ध नगर में कोरोना को रोकने के लिए शानदार मॉडल तैयार
  • - केंद्र सरकार ने कहा -दूसरे शहरों को गौतमबुद्ध नगर से सीखना चाहिए
  • - अस्पतालों में जगह नहीं तो सोसाइटी में ही बनाया मिनी अस्पताल 
  • - ऑक्सीजन की समस्या को दूर करने के लिए दिन-रात की मेहनत
महामारी से निपटने और कोरोना संक्रमित मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने गौतमबुद्ध नगर के मॉडल की सराहना की है। जनपद की हाईराइज सोसाइटियों, सेक्टरों में आइसोलेशन सेंटर बनाने, इन सेंटरों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाकर पहुंचाने और मरीजों व परिजनों को जरूरी सामान पहुंचाने का तरीका अपने आप में अनुकरणीय है। इस तरह का मॉडल दूसरे शहरों में भी लागू किया जा सकता है।

गौतमबुद्ध नगर के अभियान पर केंद्र सरकार खुश
गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन को कोरोना के खिलाफ चल रहे अभियान में बड़ी उपलब्धि मिली। इस अभियान पर केंद्र सरकार खुश। जॉइंट हेल्थ सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नोएडा हुए ग्रेटर नोएडा की कण्टेन्मेंट एक्टिविटी का उदाहरण दिया। केंद्र सरकार ने की देश के बाकी जिलों से ऐसा करने की अपील भी की। नोएडा की सोसायटीज में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर बड़ा उदाहरण बने। शहर की आरडब्ल्यू और एओए के काम की सरकार ने सराहना की। ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफलिंग योजना मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हुई। लव अग्रवाल ने कहा देश के दूसरे जिलों को भी इसका अनुकरण करना चाहिए। संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने में मिली मदद।



जिले में आपातकालीन समय में लोगों को मिल रही मदद
केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव स्वास्थ्य लव अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में गौतमबुद्ध नगर के मॉडल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस जनपद में नोएडा-ग्रेटर नोएडा की हाइराइज सोसाइटियों, बिल्डर सोसाइटियों और सेक्टर की आरडब्ल्यूए ने बड़ी पहल की है। नोएडा के सेक्टर-44 की स्टेलर ग्रीन, सेक्टर-52 का अरावली अपार्टमेंट सेक्टर-71 के साईं अपार्टमेंट, प्रतीक विस्टेरिया, सेक्टर-50 बारात घर और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सौंदर्यम, ऐस सिटी, निराला एस्टेट समेत तमाम सोसाइटियों ने अपने यहां आइसोलेशन सेंटर बनाए हैं। यहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर, बेड, नर्स, सोसाइटी में रहने वाले डॉक्टर पूरी मदद कर रहे हैं। आपातकाल में लोगों को मदद मिल रही है।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसाइटियों की शानदार पहल 
संयुक्त सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि इस जिले के आइसोलेशन केंद्र की व्यवस्था और ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने की व्यवस्था बेहतर है। दरअसल ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसाइटियों के लोग ऑक्सीजन सिलेंडर एकत्र करके हरिद्वार से भरवाकर लाते हैं। 12 घंटें में सिलेंडर आ जाते हैं। इससे आइसोलेशन सेंटर में दिक्कत नहीं होती है। इसके साथ ही यहां पर मेडिसिन बैंक, संक्रमित परिवारों को निशुल्क भोजन समेत तमाम व्यवस्थाएं चल रही हैं। मेडिसिल बैंक चलाने वाले गौर सिटी निवासी विवेक रमन ने बताया कि वह फोन आने पर जरूरतमंद के घर तक दवा पहुंचाते हैं।

सीईओ नरेंद्र भूषण लोगों को दिया मदद का मौका
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गौर सिटी के निवासी मंजुल ने बताया कि वह ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर अस्पतालों में बेड दिलाने तक के लिए पूरा प्रयास करते हैं। वह आइसोलेशन सेंटर की ऑक्सीजन को भरवाने में पूरा सहयोग देते हैं। जनपद के कोविड प्रभारी एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि शहर की सोसाइटियों को आइसोलेशन सेंटर बनाने के लिए मौका दिया गया। वह इसके लिए आगे आए। सोसाइटी के लोगों को सुविधा मिली। अन्य शहरों में भी इस तरह काम करके लोगों को राहत दिलाई जा सकती है।

लोगों ने सोसाइटी में की आइसोलेशन वार्ड की शुरुआत
नोएडा के सेक्टर-74 में सुपरटेक केपटाउन हाउसिंग सोसायटी उन पहली रिहाइश में से एक है, जहां निवासियों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाया गया था। हालांकि, ऑक्सीजन की कमी और जिला प्रशासन से मंजूरी नहीं मिलने के कारण इसे शुरू करने में वक्त लग गया। हाउसिंग सोसाइटी की अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया, "हमारी सोसाइटी में शुरू से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ज्यादा थी। हम लोग चाहते थे कि जिन मरीजों को अस्पताल में उपचार की जरूरत नहीं है, उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा जाए। जिससे उनके परिवार, पड़ोसी और सोसाइटी के दूसरे लोग संक्रमण की चपेट में आने से बच जाएं। लेकिन दुर्भाग्यवश ऑक्सीजन की बहुत ज्यादा क्राइसिस थी। ऐसे में जिला प्रशासन ने आइसोलेशन वार्ड शुरू करने की मंजूरी नहीं दी। अब यह आइसोलेशन वार्ड अच्छे ढंग से काम कर रहा है। लोग इसका फायदा उठा रहे हैं।

ग्रेटर नोएडा शहर की गौर सौंदर्यम हाउसिंग सोसायटी के निवासियों ने भी करीब 20 दिन पहले आइसोलेशन सेंटर विकसित कर लिया था। सोसाइटी के निवासी संदीप ने कहा, "हम लोगों ने इस आइसोलेशन सेंटर को शुरू करने के लिए जिला प्रशासन के पास एप्लीकेशन भेजा था। उस वक्त पूरे जिले में ऑक्सीजन को लेकर मारामारी का माहौल था। आइसोलेशन सेंटर में मरीजों को रखने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की अनिवार्यता थी। ऐसे खराब माहौल के चलते हमारा आइसोलेशन सेंटर सही वक्त पर शुरू नहीं हो सका था। अब ऑक्सीजन की कमी नहीं है। आइसोलेशन सेंटर काम कर रहा है इसमें स्थानीय निवासी आराम कर रहे हैं।"

 

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