जिले की सुरक्षा में पुलिस करेगी यह 5 बड़े सुधार

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लिए बड़ी खबर : जिले की सुरक्षा में पुलिस करेगी यह 5 बड़े सुधार

जिले की सुरक्षा में पुलिस करेगी यह 5 बड़े सुधार

Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में प्रेस वार्ता

गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट की स्थापना हुए एक वर्ष पूरा हो गया है। इस मौके पर बुधवार को गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह और उनके पुलिस उपायुक्तों ने नोएडा सेक्टर-108 स्थित कमिश्नरेट में पिछले एक साल का ब्यौरा पेश किया है। एक साल में पुलिस कमिश्नरेट की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। आने वाले वर्षों में गौतमबुद्ध नगर पुलिस किस तरह काम करेगी, यह भी बताया है। बड़ी खास बात यह है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे वाले इलाकों में सुरक्षा इंतजाम और पुख्ता किए जाएंगे। इसके लिए गौतमबुद्ध नगर पुलिस 5 बड़े कदम उठाने जा रही है।
  1. जिले में 40% पुलिसकर्मी बढ़ाए जाएंगे : गौतमबुद्ध नगर जिले के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट जैसे शहरी इलाकों में आबादी तेजी के साथ बढ़ रही है। सघन आबादी के मद्देनजर क्राइम भी बढ़ रहा है। ऐसे में अपराध को रोकने और पीड़ितों को त्वरित सहायता उपलब्ध करवाने के लिए जिले में 40% पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी गौतमबुद्ध नगर में करीब 3000 पुलिसकर्मी तैनात हैं। लगभग 1200 और पुलिसकर्मी जिले में भेजे जाएंगे। गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने बताया कि इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी दे दी गई है।
  2. 11 थाने और 2 नई चौकी बनेंगी : अभी नोएडा में आठ और ग्रेटर नोएडा में 13 पुलिस स्टेशन हैं। नोएडा में एक महिला थाना भी है। इस तरह जिले में कुल थानों की संख्या 22 है। पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में 11 और थानों की स्थापना की जाएगी। जिसके बाद पूरे जिले में सुरक्षा इंतजाम और बेहतर हो जाएंगे। शहर के लोगों को तेजी के साथ मदद मिलेगी। मुकदमों को निपटाने और अपराधियों को सजा करवाने में पुलिसकर्मियों को सहूलियत मिलेगी। पुलिस कमिश्नर ने कहा, "अपराध रोकने के साथ-साथ गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट का मुख्य उद्देश्य अपराधियों को जल्दी और अधिकतम सजा करवाना है।"
  3. जेवर एयरपोर्ट के लिये 5 थाने बनेंगे, अलग होगा डीसीपी : पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने कहा, "उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए जेवर एयरपोर्ट की स्थापना की जा रही है। इस अंतरराष्ट्रीय परियोजना पर अगले साल की शुरुआत में काम शुरू हो जाएगा। एयरपोर्ट और इसके आसपास के क्षेत्र की सुरक्षा एक चुनौती होगी। यह हमारे लिए एक बड़ा अवसर भी है। एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए ढांचागत व्यवस्था पर काम शुरू कर दिया गया है। एयरपोर्ट के इलाके में 5 नए थानों की स्थापना की जाएगी। एयरपोर्ट के लिए अलग पुलिस उपायुक्त की तैनाती की जाएगी। यह प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि जल्दी ही शासन से मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद जेवर क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बहुत अच्छी होगी।" आलोक कुमार सिंह ने कहा, "गौतमबुद्ध नगर में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां बड़ा निवेश कर रही हैं। उन्हें सुरक्षित माहौल देना हमारी पहली जिम्मेदारी है।"
  4. शहर में 1600 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे : पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की सेफसिटी परियोजना के तहत कोलैबोरेटिव मॉनिटर करने के लिए गौतमबुद्ध नगर में सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉल किए जाएंगे। इन 1600 सीसीटीवी कैमरा को एक कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। जिससे शहर के हर संभव कोने की मॉनिटरिंग की जा सकेगी। केंद्र और राज्य सरकार को यह प्रस्ताव भेजा जा चुका है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट खासतौर से महिलाओं और आम जनमानस की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है। इस परियोजना पर पर करीब 150 करोड रुपए खर्च आएगा। विस्तृत प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। जिसमें 16 सीसीटीवी कैमरा, बॉडीवॉर्न कैमरा और एएनपीआर कैमरा प्रस्तावित हैं। इन कैमरा के जरिए शहर के भीड़ भरे इलाकों, बाहरी और संवेदनशील क्षेत्र, सड़कों और चौराहे पर नजर रखी जा सकेगी। इनमें नाइट विजन कैमरा भी शामिल हैं। इनकी फीड हाई डेफिनेशन वाली होगी। जिसके जरिए अंधेरे और कोहरे के दौरान भी आसानी से पहचान की जा सकेगी।
  5. अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगी गौतमबुद्ध नगर पुलिस : आलोक कुमार सिंह ने कहा, "मेन पावर बढ़ाने के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और अत्याधुनिक रिसर्च मेथड पर भी गौतमबुद्ध नगर पुलिस ध्यान देगी। दरअसल, साइबर क्राइम और साइबर फ्रॉड तेजी के साथ बढ़ रहा है। भीड़ वाले प्रदर्शनों और मिश्रित आबादी वाले इलाकों पर नजर रखने के लिए अब तमाम अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध हैं। इनका इस्तेमाल गौतमबुद्ध नगर पुलिस करेगी। पुलिस कमिश्नर ने बताया पुलिस को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे गनशॉट डिटेक्शन, कमोशन डिटेक्शन, फैसियल रिकॉग्निशन सिस्टम, वीडियो एप्लीकेशन, क्राउड डिटेक्शन जैसी टेक्नोलॉजी से लैस किया जाएगा। इस परियोजना के तहत कमिश्नरेट के हर जोन में साइबर क्राइम एविडेंस कलेक्शन फैसिलिटी की स्थापना की जाएगी। जिससे साइबर अपराध पर भी काबू पाया जा सके।

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