दुनिया के टॉप ब्रांड में शामिल और मोबाइल निर्माता कंपनी एप्पल गौतमबुद्ध नगर आ सकती है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एप्पल और केंद्र सरकार के बीच बातचीत चल रही है। जल्दी ही यह बातचीत परिणाम में बदल सकती है। दरअसल, भारत में अभी एप्पल का संयंत्र कर्नाटक के कोलार में है, लेकिन यह निर्माण संयंत्र थर्ड पार्टी विस्टर्न कंपनी संचालित करती है। दूसरी ओर कोरोना महामारी के चलते एप्पल ने चीन छोड़ने का फैसला लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक चीन का पूरा संयंत्र और निवेश एप्पल भारत लाना चाहती है। कंपनी को केंद्र सरकार की ओर से कुछ विकल्प दिए गए हैं। जिनमें गौतमबुद्ध नगर भी शामिल है। मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार का जोर कंपनी को उत्तर प्रदेश लाना है। उत्तर प्रदेश सरकार के शीर्ष अफसर पूर्व में कंपनी के साथ ऑनलाइन मीटिंग भी कर चुके हैं।
कोरोना संक्रमण के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के वक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था, "इस त्रासदी को उपलब्धि में बदला जाएगा। चीन छोड़कर जा रही अमेरिकन और यूरोपियन कंपनियों को भारत लाने का प्रयास किया जा रहा है।" योगी आदित्यनाथ का यह प्रयास सार्थक होता नजर आ रहा है। सबसे पहले चीन छोड़कर जा रही जर्मन जूता निर्माता कंपनी वोन वेलक्स को योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश लाने में कामयाब हुए। कंपनी आगरा और ग्रेटर नोएडा में करीब 10,000 करोड रुपए का निवेश करके दो कारखाने स्थापित कर रही है। इसके बाद चीन छोड़कर जा रही दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल निर्माता कंपनी सैमसंग को नोएडा लाने में कामयाबी मिली है।
सैमसंग का सबसे बड़ा कारखाना नोएडा में ही है। अब इसका और विस्तार किया जाएगा। कंपनी चीन से उठाकर ला रही अपनी तीन यूनिट नोएडा में स्थापित करेगी। अब उच्च पदस्थ सूत्रों से जानकारी मिली है कि अमेरिकन मोबाइल निर्माता कंपनी एप्पल भी गौतमबुद्ध नगर आने के लिए तैयार है। इस सिलसिले में केंद्र सरकार और कंपनी मैनेजमेंट के बीच बातचीत चल रही है। दरअसल, एप्पल ने चीन छोड़ने की घोषणा कर दी है। इससे पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार एप्पल कंपनी के टॉप मैनेजमेंट से संपर्क साध चुकी थी। राज्य सरकार ने तीन छोड़कर वापस लौट रही एप्पल कंपनी को उत्तर प्रदेश आने का न्योता दिया था। दरअसल, पहले जानकारी मिल रही थी कि एप्पल सिंगापुर, ताइवान या थाईलैंड जाएगी।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक अब एप्पल के मैनेजमेंट ने इंडिया आने का मन बना लिया है। कारखाना लगाने के लिए विकल्पों के रूप में कई स्थानों पर चर्चा चल रही है, लेकिन सबसे प्रबल संभावना गौतमबुद्ध नगर आने की है। अगर राज्य सरकार को यह कामयाबी हासिल हुई तो प्रदेश के औद्योगिक विकास में यह मील का पत्थर साबित हो सकती है।