Google image | RERA will raise the issue of 4o thousands flat buyers
रेरा, गौतमबुद्ध नगर में बिना रजिस्ट्री रह रहे खरीदारों का डेटा जमा कर मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत करेगा। रेरा का कहना है कि खरीदारों की रजिस्ट्री तुरंत होनी चाइए। बिल्डरों से बकाया वसूलने के लिए प्राधिकरण दूसरे विकल्प तलाशे। बिल्डर की मनमर्जी की सजा खरीदारों को नहीं मिलनी चाहिए। बिना रजिस्ट्री रह रहे लोगों की सूची बनाने के लिए रेरा एक विज्ञापन जारी करेगा। इसके जरिए सभी पीड़ित खरीदार अपनी जानकारी रेरा के साथ साझा कर सकेंगे। इस बारे में रेरा के सदस्य बलविंदर कुमार का कहना है कि बिल्डरों पर बकाए की वजह से फ्लैट की रजिस्ट्री पर रोक नहीं होनी चाहिए। खरीदारों की रजिस्ट्री तुरंत होनी चाहिए। अब बिना रजिस्ट्री के रह रहे खरीदारों की पूरी जानकारी जुटा कर शासन के समक्ष रखा जाएगा।
गौतमबुद्ध नगर में हजारों की संख्या में फ्लैट खरीदार बिना रजिस्ट्री के रह रहे हैं। इनकी संख्या तकरीबन 35-40 हजार है। प्राधिकरण का कहना है कि बिल्डर पर कई तरह के शुल्क बकाया हैं। लिहाजा प्राधिकरण खरीदारों की रजिस्ट्री करने को तैयार नहीं है। ऐसे में रेरा का यह कदम बिना रजिस्ट्री रह रहे लोगों के लिए अहम होगा। विज्ञापन देने के बाद रेरा कुछ वक्त देकर ऐसे खरीदारों से पूरी जानकारी एकत्र करेगा। सभी खरीदारों की जानकारी मिलने के पश्चात रेरा इनका रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री के समक्ष पेश करेगी। उम्मीद है कि योगी आदित्यनाथ पूरे माले का संज्ञान लेंगे और खरीदारों के हित में फैसला लेंगे।
अधिकारियों के मुताबिक नोएडा की अलग-अलग बिल्डर परियोजनाओं में तकरीबन 25 हजार खरीदार बिना रजिस्ट्री के रह रहे हैं। जबिक, ग्रेटर नोएडा में करीब 15 हजार ऐसे खरीदार हैं। खरीदारों की संस्था नेफोवा ने खरीदारों की जल्द रजिस्ट्री कराने के लिए रेरा के दफ्तर पर पिछले महीने प्रदर्शन किया था। नेफोवा के सीनियर वॉइस प्रेसिडेंट मनीष कुमार का कहना है कि बकाये की लड़ाई में खरीदार परेशान नहीं होने चाहिए। एक फीसदी रजिस्ट्रेशन फीस वापस लेकर खरीदारों के फ्लैट की रजिस्ट्री होनी चाहिए।
बताते चलें कि गौतमबुद्ध नगर की तमाम सोसाइटी में रहने वाले खरीदार 5-6 साल से रजिस्ट्री के इंतजार में हैं। फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिए खरीदा बिल्डर और प्राधिकरण का चक्कर काट रहे हैं। पर कहीं से कोई राहत नहीं मिल रही है। रजिस्ट्री नहीं होने से खरीदारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है। फरवरी, 2020 में रजिस्ट्री की फीस सम्पत्ति की कीमत की एक प्रतिशत हो चुकी है। पहले यह अधिकतम 20 हजार रुपये थी। बढ़ी फीस की वजह से खरीदारों पर औसतन 50 हजार रुपये प्रति फ्लैट का बोझ बढ़ गया है।
बकाया नहीं मिलने तक रजिस्ट्री पर पाबंदी लगी रहेगी
नोएडा प्राधिकरण का शहर के तमाम बिल्डरों पर करीब 35 हजार करोड़ रुपये बकाया है। बकाया नहीं मिलने की वजह से नोएडा प्राधिकरण ने फ्लैट की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी। इस वजह से खरीदारों को बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। रेरा द्वारा आयोजित एक बैठक में प्राधिकरण बिना बकाया मिले रजिस्ट्री देने से इनकार कर चुके है। नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी राजेश सिंह का कहना है कि जब तक प्राधिकरण को बकाया राशि नहीं मिल जाएगी, हम रजिस्ट्री की अनुमति नहीं देंगे।