Noida News : लोक आस्था का त्यौहार छठ महापर्व आरंभ हो चुका है। शहर में जगह-जगह छठ व्रतियों के लिए घाट की तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है। महापर्व छठ पूजा के लिए नोएडा प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम. द्वारा अस्थायी पूजा स्थल बनवाया जा रहा है। इसको लेकर सार्वजनिक स्थानों पर साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश दिए गए है। घाटों के आसपास लाइटिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए है। कुल 19 घाट का निर्माण कराया गया हैं। प्राधिकरण का दावा है कि छठ पूजा पर हिंडन में साफ सुथरा पानी मिलेगा। शेष कार्य छठ घाटों की साफ सफाई, मोबाईल टॉयलेट, प्रकाश व्यवस्था, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, मेले के लिए फायर टेंडर, मोबाईल एंबुलेंस की व्यवस्था कर ली गई है। बाकी सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कर दी जाएंगी।
इन जगहों पर होगी घाट की व्यवस्था
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इस बार नोएडा स्टेडियम में बड़ा घाट का निर्माण कराया जा रहा है। प्राधिकरण द्वारा सेक्टर-2 का पार्क, सेक्टर-56 जी ब्लॉक, सेक्टर-43 (नियर गोदरेज का गोदाम), कमर्शियल प्लाट सेक्टर-45, सेक्टर-47 सी 209ए और गांव बरौला में नियर छोटा नल के पास छठ पर्व के अवसर पर घाट की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि गांव होशियारपुर में डी प्लॉट पार्क, सदरपुर गांव में तालाब, सेक्टर-62 में सी 57, सेक्टर-116 मास्टर ग्रीन बेल्ट, सेक्टर-120 मास्टर ग्रीन बेल्ट, सेक्टर-122 में कम्युनिटी सेंटर के सामने और सेक्टर-110 में कम्युनिटी सेंटर के सामने घाट की तैयार कराया गया है। इसके अलावा सेक्टर-105 पेट्रोल पंप के पास और सेक्टर-135 में छठ घाट बनाया गया है। वहीं कई सालों से सेक्टर-71 में होने छठ महापर्व का त्यौहार इस बार सेक्टर-71 के पेट्रोल पंप के पीछे पार्क में होगा। इसके अलावा हिंडन और यमुना किनारे भी हजारों छठव्रती अर्घ्य देते हैं।
छठ पूजा का पहला दिन
चार दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार की शुरुआत नहाय खाय से प्रारंभ हो गई है। इस दिन छठ व्रती स्नान कर नए वस्त्र धारण कर पूजा करते हैं। व्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल को प्रसाद के तौर बनाकर ग्रहण करते हैं। छठ व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के बाद परिवार के सभी सदस्य भोजन के रूप में प्रसाद ग्रहण करते हैं।
छठ पूजा का दूसरा दिन
छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना होता है। इसमें छठ व्रती देर शाम को लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ का खीर बनाकर उसे प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं। जिसके बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरु हो जाता है।
छठ पूजा का तीसरा दिन
तीसरे दिन व्रती निर्जला उपवास के साथ शाम के समय नए वस्त्र धारण कर घाट पर जाकर पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूरज को अर्घ्य देते हैं। इस बार डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की तारीख 19 नवंबर है।
छठ पूजा का चौथा दिन
छठ पूजा के चौथे दिन पानी में खड़े होकर उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। अर्घ्य देन बाद छठ व्रती घाट पर एक दूसरे को प्रसाद देते हैं। 36 घंटे का व्रत सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण करके तोड़ा जाता है। इस पर्व की खास बात यह है कि छठ व्रती पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूरज को और अगले दिन उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देते हैं।