महिला सशक्तिकरण की सशक्त पहल है सरस आजीविका मेला : गिरिराज सिंह
देशभर के 25 करोड़ घरों में से 19 करोड़ घर ग्रामीण क्षेत्र में हैं : गिरिराज सिंह
सरकार का प्रयास है हर ग्रामीण महिला का अपना स्वरोजगार हो : कुलस्ते
हर क्षेत्र में देश की प्रगति में महिलाओं की अहम भूमिका : साध्वी निरंजन ज्योति
Noida : भारत एक सांस्कृतिक सनातनी देश है। प्रधानमंत्री का स्पष्ट कहना है कि महिला सशक्तिकरण के नाम पर केवल कार्यक्रम आयोजित न हों, बल्कि संकल्प लेना होगा। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी उद्देश्य के साथ सरस आजीविका मेले के आयोजन देशभर में किए जा रहे हैं। उक्त विचार केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह ने नोएडा, सेक्टर-33ए नोएडा हाट में रखे। वे यहां मंत्रालय द्वारा आयोजित सरस आजीविका मेला 2023 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। 19 करोड़ घर ग्रामीण क्षेत्र में : गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में विकास पर जोर देने की आज प्रबल आवश्यकता है। देशभर के 25 करोड़ घरों में से 19 करोड़ घर ग्रामीण क्षेत्र में हैं, जो भारत की प्रबल पहचान हैं। मंत्रालय का लक्ष्य 2024 तक 10 करोड़ बहनों और घरों को जोड़ने का है। साल 1999 से 2014 तक 15 लाख घरों तक पकड़ थी, जिसे हमने 9 करोड़ तक पहुंचा दिया है। देशभर से आईं बहनें कितनी ईमानदारी और मेहनत के साथ काम करती हैं। यह आपको इनके द्वारा हस्त निर्मित उत्पादों को देखकर-खरीदकर पता लग जाएगा। यहां आई कोई बहन असम की हो या केरल की इनके उत्पाद आपके द्वारा खरीदने से इनके घर में रोशनी आएगी, खुशहाली आएगी। सरस मेला बहनों को आत्म निर्भर बनाने का एक प्लेटफॉर्म है और ई-कॉमर्स दूसरा प्लेटफॉर्म है।
नोएडा हाट में 17 दिवसीय सरस मेला का केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया उद्घाटन, लोगों से बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की करी अपील @girirajsinghbjp#noida
महिलाओं की अहम भूमिका : साध्वी निरंजन
केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्याेति ने कहा, “उत्तर प्रदेश की होने के नाते यहां नोएडा में आगमन पर मैं देशभर के राज्यों से आई सभी बहनों का स्वागत करती हूं। साथ की आपके द्वारा निर्मित उत्पादों में आप तरक्की करें ये प्रार्थना करती हूं।” उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में देश की प्रगति में महिलाओं की अहम भूमिका है। प्रधानमंत्री का यही सपना है कि भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो। इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया जा रहा है। स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने से भी विकास का रास्ता खुलता है। सरस मेला इसका जीता जागता उदाहरण है। विकास में भूमिका : फग्गन सिंह
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि हमारे देश के राज्यों की संस्कृति और उत्पादों की गुणवत्ता को दर्शाता है, यह सरस आजीविका मेला। सरकार का प्रयास है कि हर ग्रामीण महिला का अपना स्वरोजगार हो, ताकि वो अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। हाल ही में प्रधानमंत्री ने आदि महोत्सव में अपील करते हुए कहा था कि हमारे देश की बहनें जो उत्पाद तैयार करती हैं, उनकी गुणवत्ता परखें। ग्रामीण परिवेश की बहने किस प्रकार अपने परिवार के साथ समाज और देश के विकास में भूमिका निभा रही हैं। 17 फरवरी से 5 मार्च तक चलेगा मेला
17 फरवरी से 5 मार्च तक चलने वाले इस उत्सव में नोएडा के नोएडा हाट में मौजूद क़रीब 27 राज्यों के 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, जो परंपरा, हस्तकला व ग्रामीण संस्कृति और स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं, इसके साथ ही 85 से ज्यादा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। सरस मेले वर्ष 1999 से निरंतर आयोजित हो रहे हैं। इन मेलों के माध्यम से लाखों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। यही नहीं स्थानीय स्तर पर भी मेले में इस बार हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद शामिल किए गए है, जो लोगों को आकर्षित करेंगे। बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए भी संसाधन मौजूद रहेंगे। मेले में दिल्ली-नोएडा सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लाखों दर्शक व ग्राहक भाग लेंगे। दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
इंडिया फूड कोर्ट
इंडिया फूड कोर्ट सरस आजीविका मेले में आकर्षण का केंद्र रहेगा। जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों के व्यंजन परोसे जाएंगे। इस बार महत्त्वपूर्ण इंडिया फ़ूड कोर्ट में देश भर के 20 राज्यों की 80 गृहणियों का समूह अपने प्रदेश के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टाल लगाए जाएंगे। जिसमें हर प्रदेश के क्षेत्रीय व्यंजनों के स्वाद का अनोखा आनंद प्राप्त होगा। राजस्थानी कैर सागरी गट्टे की सब्ज़ी से लेकर बंगाल की फ़िश करी, तेलंगाना का चिकन, बिहार की लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग व मक्के की रोटी, प्राकृतिक खाद्य उत्पाद, हरियाणा के बाजरे व ज्वार के लड्डू बिस्कुट, कर्नाटक व जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट सहित पूरे भारत के पकवान मौजूद रहेंगे। 1 मार्च से 5 मार्च तक मिलेट्स फीस्ट का भी आयोजन किया जाएगा।