नोएडा के सरकारी अस्पताल में है पोस्टिंग, पढ़िए पूरा मामला

बापू पर अभद्र टिप्पणी करने वाले डॉक्टर ने माफी मांगी : नोएडा के सरकारी अस्पताल में है पोस्टिंग, पढ़िए पूरा मामला

नोएडा के सरकारी अस्पताल में है पोस्टिंग, पढ़िए पूरा मामला

Google Image | गांधी जी को लेकर किए

Noida News : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा देश को आजादी दिलाने को लेकर विवादित व्हाट्सएप मैसेज करने के मामले में अब नोएडा के सरकारी डॉक्टर ने माफी मांगी है। उनका कहना है कि मेरा इरादा महात्मा गांधीजी का अपमान करने का नहीं था। उन्होंने कहा कि मैं और मेरा परिवार गांधीजी के दिखाए सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलता है। जिला अस्पताल की सीएमएस को दिए जवाब में उन्होंने माफी मांगी है।

क्या था मामला
दो अक्टूबर को नोएडा के जिला संयुक्त अस्पताल में तैनात चिकित्सक डॉक्टर प्रमोद कश्यप ने जिला अस्पताल के व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज कर गांधी जयंती पर एक बधाई संदेश पोस्ट किया। इसमें लिखा गया था कि, ‘दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल’। इसके कुछ देर बाद ही डॉ.कश्यप ने कमेंट पोस्ट किया। "एक ऐसा झूठ जो हमको बचपन से पढ़ाया गया"। इस मामले में जब तूल पकड़ा तो जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने डॉक्टर को नोटिस जारी कर दिया था। नोटिस में कहा गया था कि यह पोस्ट अस्वीकार्य है और राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है। नोटिस में राष्ट्रद्रोह से संबंधित टिप्पणी के लिए एफआईआर कराए जाने की चेतावनी भी दी गई थी। डीएम और सीएमओ को भी इस मामले की जानकारी दी गई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर इस तरह से कमेंट करना सही नहीं है।

मेरा इरादा महात्मा गांधीजी का अपमान करने का नहीं था
सीएमएस द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद अब डॉक्टर प्रमोद कश्यप ने सीएमएस को अपना जवाब माफीनामे के रूप में दिया है। डॉक्टर का कहना है कि मेरी टिप्पणी से यदि किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो इसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं। उन्होंने अपने जवाब में आश्वासन दिया कि वह भविष्य में किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं करेगें। इसके अलावा डॉक्टर कश्यप ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि मैसेज के माध्यम से मैं सिर्फ इतना कहना चाहता था, कि गाने में बाकी स्वतंत्रता सेनानियों का जिक्र नहीं किया गया। उन महापुरुषों का भी योगदान आजादी दिलाने में था। भूलवस पोस्ट को उस रूप में नहीं लिख सका। मेरा इरादा महात्मा गांधीजी का अपमान करने का नहीं था।

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