50 लाख वाला 2 BHK इतने लाख का पड़ेगा, क्रेडाई ने जताई चिंता

नोएडा में महंगे हो जाएंगे घर : 50 लाख वाला 2 BHK इतने लाख का पड़ेगा, क्रेडाई ने जताई चिंता

50 लाख वाला 2 BHK इतने लाख का पड़ेगा, क्रेडाई ने जताई चिंता

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Noida News : केंद्र सरकार के एक नए फैसले ने घर खरीदने वालों के लिए चिंता पैदा कर दी है। इस फैसले के तहत सरकार ने एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) चार्ज पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने की घोषणा की है, जो घर की कीमतों में वृद्धि का कारण बनेगा। बिल्डरों की सबसे बड़ी संस्था क्रेडाई ने इस पर चिंता जताई है और सरकार से पुनर्विचार की अपील की है। क्रेडाई का कहना है कि इस कदम से 50 लाख रुपये का फ्लैट 9 लाख रुपये तक महंगा हो जाएगा, वहीं एक करोड़ रुपये की कीमत वाला लग्ज़री फ्लैट 18 लाख रुपये तक महंगा हो सकता है।

एफएसआई और जीएसटी अहम मुद्दा 
एफएसआई वह अनुपात है, जो किसी प्लॉट के कुल क्षेत्रफल और उस पर निर्मित कुल फ्लोर एरिया को दर्शाता है। डेवलपर्स एफएसआई खरीदते हैं ताकि वे अधिक फ्लोर स्पेस बना सकें। यदि इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, तो यह सीधे निर्माण की लागत पर असर डालेगा। उदाहरण के तौर पर, यदि डेवलपर ने 1,000 वर्ग मीटर का प्लॉट खरीदा और एफएसआई की कीमत 5,000 प्रति वर्ग मीटर है, तो कुल एफएसआई लागत 50,00,000 होगी। अब 18 प्रतिशत जीएसटी जोड़ने से यह 9,00,000 और बढ़कर 59,00,000 हो जाएगी, जो निर्माण लागत में इजाफा करेगा।

महंगे घरों का संकट और मध्यम वर्ग पर असर 
क्रेडाई ने कहा कि एफएसआई चार्ज पर जीएसटी का असर सस्ते मकानों के प्रोजेक्ट्स पर भी पड़ेगा। पहले से ही कच्चे माल की महंगाई से निर्माण की लागत बढ़ रही है, और अब जीएसटी लगाने से यह और भी महंगे हो जाएंगे। मध्यम वर्ग के लोग, जो सस्ते मकानों की खरीद करते हैं, अब इन महंगे मकानों तक पहुंच नहीं बना पाएंगे। इससे मकान खरीदने की योजना बना रहे लाखों लोग प्रभावित होंगे। 

मकानों की आपूर्ति और मांग पर प्रभाव
क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी का कहना है कि एफएसआई चार्ज किसी भी प्रोजेक्ट की लागत का अहम हिस्सा है और इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने से मकानों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे घर खरीदने में कठिनाई आएगी। उन्होंने सरकार से इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने की अपील की और कहा कि एफएसआई चार्ज को जीएसटी से बाहर रखा जाए, ताकि आवासीय योजनाओं पर इसका नकारात्मक असर न पड़े। इसके अलावा, क्रेडाई ने यह भी कहा कि यदि सरकार यह नियम पुराने समय से लागू करती है, तो डेवलपर्स पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा। इससे कई प्रोजेक्ट्स बीच में ही रुक सकते हैं और जो घर खरीदार पहले ही निवेश कर चुके हैं, उनकी बचत पर भी असर पड़ेगा।

आधिकारिक और कानूनी स्थिति
क्रेडाई ने बताया कि केंद्र या राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों या सरकारी प्राधिकरणों द्वारा दिए गए कार्यों पर जीएसटी नहीं लगाया जा सकता। इन कार्यों में शहरी योजना, भूमि उपयोग और भवन निर्माण का नियमन शामिल हैं, इसलिए एफएसआई पर जीएसटी नहीं लगाया जाना चाहिए। क्रेडाई ने सरकार से आग्रह किया है कि वह एफएसआई पर जीएसटी लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करे और इसे जीएसटी से बाहर रखे, ताकि घर खरीदने वाले और रियल एस्टेट सेक्टर पर इसका नकारात्मक असर न पड़े। इस कदम से न केवल घर की कीमतें बढ़ेंगी, बल्कि इससे आवासीय परियोजनाओं की आपूर्ति और मांग पर भी बुरा असर पड़ेगा।

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