पुराने वाहनों पर नया कर वसूलेगी सरकार, पंजीकरण के 8 साल बाद से ही देना होगा, पढ़ें जरूरी खबर

बड़ी खबर : पुराने वाहनों पर नया कर वसूलेगी सरकार, पंजीकरण के 8 साल बाद से ही देना होगा, पढ़ें जरूरी खबर

पुराने वाहनों पर नया कर वसूलेगी सरकार, पंजीकरण के 8 साल बाद से ही देना होगा, पढ़ें जरूरी खबर

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अगर आप 15 साल से पुराना वाहन इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए जरूरी खबर है। केंद्र सरकार ने सड़कों पर दौड़ रहे ऐसे सभी चार करोड़ वाहनों से हरित कर वसूलने की तैयारी शुरू कर दी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश भर में ऐसे वाहनों के आंकड़ों को डिजिटल किया है। हालांकि इनमें आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और लक्ष्यद्वीप को शामिल नहीं किया गया है। क्योंकि इन राज्यों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हो पाए थे। इन चार करोड़ वाहन मालिकों से हरित कर वसूलने का प्रस्ताव केंद्र ने पहले ही राज्यों को भेज दिया है।

चार करोड़ गाड़ियां दौड़ रही हैं
बताते चलें कि देश की सड़कों पर फिलहाल 15 साल से ज्यादा पुराने चार करोड़ वाहन दौड़ रहे हैं। ये वाहन हरित कर के दायरे में आते हैं। पुरानी गाड़ियों के मामले में कर्नाटक शीर्ष पर है। कर्नाटक की सड़कों पर ऐसे 70 लाख वाहन दौड़ रहे हैं। ऐसे वाहनों पर हरित कर लगाने का प्रस्ताव राज्यों को पहले ही भेजा जा चुका है। आंकड़ों के मुताबिक, चार करोड़ से ज्यादा वाहन 15 साल से ज्यादा पुराने हैं। इनमें से दो करोड़ वाहन तो 20 साल से अधिक पुराने हैं। मंत्रालय ने कहा कि वाहनों का डिजिटल रिकॉर्ड केंद्रीयकृत वाहन डाटाबेस पर आधारित है। इसमें आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप शामिल नहीं हैं। 

यूपी और दिल्ली में है मुकाबला
पुराने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। यूपी में ऐसी गाड़ियों की संख्या 56.54 लाख है। इनमें से 24.55 लाख वाहन 20 साल से अधिक पुराने हैं। राजधानी दिल्ली 49.93 लाख गाड़ियों के साथ तीसरे स्थान पर है। दिल्ली में 35.11 लाख वाहन 20 साल से अधिक पुराने हैं। केरल में ऐसे वाहनों की संख्या 34.64 लाख, तमिलनाडु में 33.43 लाख, पंजाब में 25.38 लाख और पश्चिम बंगाल में 22.69 लाख है। महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा में ऐसे वाहनों की संख्या 12.29-17.58 लाख के बीच है। 

चार राज्यों के आंकड़े नहीं हैं उपलब्ध
देश के छोटे राज्यों झारखंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी, असम, बिहार, गोवा, त्रिपुरा और संघ शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव में ऐसी गाड़ियों की संख्या एक लाख से 5.44 लाख के बीच है। आंकड़ों के मुताबिक, अन्य राज्यों में ऐसे वाहनों की संख्या एक लाख से कम है। सरकार पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए ऐसे पुराने वाहनों पर जल्द हरित कर लगाने की तैयारी कर रही है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस साल जनवरी में प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों पर हरित कर लगाने का प्रस्ताव दिया था। 

ये है पूरा प्रस्ताव
इस प्रस्ताव को राज्यों को विचार-विमर्श के लिए भेज दिया गया है। उसके बाद इसे औपचारिक रूप से अधिसूचित किया जाएगा। फिलहाल कुछ राज्यों/संघ शासित प्रदेश हरित कर लगा रहे रहे हैं। प्रस्ताव के तहत आठ साल से अधिक पुराने वाहनों पर फिटनेस प्रमाणन के नवीनीकरण के दौरान रोड टैक्स के 10 से 25 प्रतिशत के बराबर कर लगाया जाएगा। व्यक्तिगत वाहनों पर 15 साल बाद नवीकरण के समय कर लगाने का प्रस्ताव है। सार्वजनिक परिवहन वाहनों, मसलन बसों आदि पर निचला हरित कर लगाया जाएगा। बेहद प्रदूषित शहरों में पंजीकृत वाहनों पर ऊंचा यानी रोड टैक्स के 50 फीसदी के बराबर कर लगाने का प्रस्ताव है।

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