Tricity Today | जीपीडब्ल्यूएस ने कई स्कूलों के अभिभावकों संग बैठक की
गौतमबुद्धनगर पैरेंट्स वेलफेयर सोसाइटी (जीपीडब्ल्यूएस) के पदाधिकारियों ने जनपद के विभिन्न निजी विद्यालयों के कुछ अभिभावकों के साथ मिलकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। जीपीडब्ल्यूएस के संस्थापक मनोज कटारिया ने बताया कि विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम रोकना व उनको अगली कक्षा मे प्रोन्नत नहीं करना संविधान द्वारा प्रदत्त बच्चों के शिक्षा के अधिकार का खुलेआम उल्लंघन है।
भारी संख्या में अभिभावकों ने पूरी फीस जमा नहीं की है। इस वजह से उनके बच्चों को ऑनलाइन कक्षा से वंचित रखा गया। परंतु कुछ माह पश्चात जब अभिभावकों ने फीस दी, तो विद्यालयों ने बच्चों को पूरी शिक्षा नहीं दी। इसका सीधा अर्थ है कि बच्चे की आधी शिक्षा पर अभिभावकों से पूरी फीस वसूला गया है।
रविवार को हुई बैठक में विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों के रिपोर्ट कार्ड रोकने तथा प्रोन्नत नहीं करने, नये सत्र मे पिछली फीस आसान किस्तों मे देने, अभिभावकों की फीस से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए जल्दी डीएफआरसी की बैठक बुलाने तथा कुछ स्कूलों के अचानक वार्षिक शुल्क (एनुअल चार्ज) बढ़ाने पर चर्चा हुई।
सोसाइटी के अध्यक्ष कपिल शर्मा, महासचिव पुनीष गुलाटी व सुखपाल सिंह ने बताया कि जब तक विद्यालयों के पास विद्यार्थियों के स्थानांतरण प्रमाण-पत्र (टीसी) हैं, तब तक अभिभावक मजबूर हैं। स्कूलों को पूरी फीस चुकाना ही होगा। ऐसे मे विद्यार्थियों की शिक्षा और रिजल्ट रोकना कहीं से भी न्यायोचित नहीं है। बैठक मे लोटस वैली, रामाज्ञा, बाल भारती, उत्तराखंड, डीपीएस, द मिलेनियम, सर्वोत्तम आदि स्कूलों के अभिभावक आशीष मित्तल, नरेश रावत, जितेन्द्र आदि ने अपने-अपने सुझाव दिए।