अमेरिकन और रसियन पुलिस के लिए बने सिर दर्द, 5 सालों में 300 से अधिक गैंग का खुलासा

हाईटेक शहर नोएडा बना साइबर क्रिमिनलों का अड्डा : अमेरिकन और रसियन पुलिस के लिए बने सिर दर्द, 5 सालों में 300 से अधिक गैंग का खुलासा

अमेरिकन और रसियन पुलिस के लिए बने सिर दर्द, 5 सालों में 300 से अधिक गैंग का खुलासा

Tricity Today | स्पीड प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह

Noida News : दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश का आईटी हब कहा जाने वाला नोएडा मे फर्जी कॉल सेंटरों का जाल बढ़ता जा रहा है। यहां आए दिन फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा हो रहा है। पैसे के लालच में साइबर ठग देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। यहां पकड़े गए फर्जी कॉल सेंटरों के मालिक युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें बहुत कम वेतन पर काम पर रखते हैं और उनसे धोखाधड़ी करवाकर मोटा मुनाफा कमाते हैं। साइबर ठग इतने शातिर होते हैं कि जब भी पुलिस छापेमारी करती है, उनको अक्सर कॉल सेंटरों में  काम करने वाले युवक-युवती मिलते हैं और ज्यादातर मामलों में नटवरलाल फरार हो जाते है। 

अमेरिकन खुफिया एजेंसी ने भी नोएडा में बनाया ठिकाना
साइबर धोखाधड़ी ने भारत की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया है। यहां स्थित विभिन्न कॉल सेंटरो से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, रसिया, इग्लैंड समेत विभिन्न देशों में रहने वाले लोगों से भी ठगी की जाती है। पूर्व में कई ऐसे कॉल सेंटर का खुलासा हुआ था, जिनकी आरोपियों से पूछताछ करने के लिए अमेरिकी गुप्तचर एजेंसिया भी नोएडा आई थी। 

5 सालों में 300 से अधिक गैंग का खुलासा
मिली जानकारी के मुताबिक ये लोग विदेशी लोगों को चाइल्ड पॉर्नोग्राफी, बीमा के नाम पर, दवाई के नाम पर, लोन, बीमा, नौकरी देने और विभिन्न मामलों में फंसाने की धमकी देकर उनसे अवैध उगाही करते हैं। पिछले पांच वर्षों में जनपद मे 300 से अधिक फर्जी कॉल सेंटर या टेलीफोन एक्सचेंज पकड़े गये है। फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले लोगों को नौकरी दिलाने, बीमा और साइबर मदद जैसे विषयों पर मदद करने का झांसा देते हैं। फर्जी कॉल सेंटर आमतौर पर बेरोजगार लोगों को निशाना बनाते हैं और उन्हें नौकरी का वादा करके आसानी से फुसला लेते हैं। इसके साथ ही लोगों को सस्ते लोन, बीमा पॉलिसियों के नवीनीकरण आदि के नाम पर ठगा जाता है। इसके अलावा लकी ड्रॉ में उपहार, नकली टेलीफोन एक्सचेंज विदेशियों से बात करने और 'कौन बनेगा करोड़पति' में लकी ड्रॉ निकालने का झांसा देकर धोखाधड़ी की जाती है।

नोएडा समेत यह इलाके बड़े साइबर क्रिमिनलों के अड्डे
उत्तर प्रदेश साइबर क्राइम के स्पीड प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने बताया कि अंतरराज्यीय सीमा क्षेत्र साइबर ठगों के लिए इस तरह के अपराध करने के लिए अनुकूल और सबसे उपयुक्त स्थान मेवात, जामताड़ा, नूंह, अलवर, मथुरा और नोएडा है। साइबर अपराधी अलग जगह पर अपराध करते हैं और अलग जगह पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पहचान हमेशा नकली पाई जाती है और उन्हें केवल स्थान के आधार पर पकड़ा जा सकता है, यही वजह है कि उनके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों से लगातार अपना ठिकाना बदलना सुविधाजनक हो जाता है। 
त्रिवेणी सिंह की लोगों से अपील
त्रिवेणी सिंह ने बताया कि महानगर नोएडा में सभी सुविधाओं के साथ एक छोटे से नोटिस पर आसानी से कॉल सेंटर स्थापित किया जा सकता है। इन केंद्रों से विदेशी सबसे ज्यादा ठगे जाते हैं क्योंकि इससे उनके और पीड़ित के बीच की दूरी के कारण पकड़े जाने का जोखिम कम हो जाता है। ठग उनके पासपोर्ट को सत्यापित करने का बहाना करके उन्हें धोखा देते हैं। उन्होंने बताया कि जीरो-ट्रस्ट मॉडल को अपनाना रक्षा का सबसे अच्छा तरीका है। स्वतंत्र रूप से बात करने या संवेदनशील विवरण साझा करने से पहले अच्छी तरह से सोच लेना चाहिए। एसएसपी ने बताया की किसी को ठगों की पहचान तब करनी चाहिए जब फोन करने वाला पैसे मांगता है, क्योंकि कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी फोन पर पैसे की मांग नहीं करता है।

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