स्वास्थ्य कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध, नई पेंशन नीति हटाने की मांग

नोएडा : स्वास्थ्य कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध, नई पेंशन नीति हटाने की मांग

स्वास्थ्य कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध, नई पेंशन नीति हटाने की मांग

Tricity Today | नई पेंशन नीति हटाने की मांग करते लोग

Noida : नोएडा में स्थित जिला अस्पताल और चाइल्ड पीजीआई अस्पताल समेत अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्यकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर काम किया। साथी लागू की गई नई पेंशन नीति का विरोध जताया। यह विरोध अटेवा पेंशन बचाओ मंच उत्तर प्रदेश के आह्वान पर किया गया। सरकारी नौकरियों में 1 अप्रैल 2005 के पश्चात पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को समाप्त कर नवीन पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई है।

“बुढ़ापे की लाठी”
फार्मासिस्ट भीम सिंंह संतोष सिंह ने कहा कि इस व्यवस्था के कारण सरकारी कर्मचारियों का बुढ़ापा अंधकारमय हो गया है। पुरानी पेंशन व्यवस्था में जहां सेवानिवृत्ति के पश्चात सुनिश्चित रकम का प्रावधान था। वहीं पुरानी पेंशन कर्मचारियों की बुढ़ापे की लाठी है उनका आत्मसम्मान स्वाभिमान है, जिसे बाजार के हवाले करके हमारे हितों पर कुठाराघात किया गया है। कर्मचारी अपनी पुरानी पेंशन को पाने के लिए सरकार से निवेदन करता है और साथ ही चेतावनी भी देता है कि अगर कर्मचारियों के बुढ़ापे के हितों की रक्षा न की गई तो कर्मचारी सड़क पर आंदोलन करेगा। नई पेंशन नीति धोखा है। इसे हटा कर पूर्व की भांति पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाए।

2 से 5 हजार रुपए तक पेंशन
स्वास्थ्य कर्मियों ने सरकार से अपील की है कि नवीन पेंशन योजना कर्मचारी विरोधी है। इसे हटा कर पूर्व की भांति पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करें। जिससे कर्मचारियों के सम्मान की रक्षा हो सके। इससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी। नई पेंशन में रिटायर होने के बाद लोगों को 2 से 5 हजार रुपए तक पेंशन मिलता है। जबकि पुराने में लोगों को सैलरी का 50 फीसदी मिलता है। उसके बाद वह बढ़ता ही जाता है।

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