हेलमेट मैन ऑफ इंडिया ने राष्ट्रपति और पीएम को लिखा पत्र, कहा- हादसों से बढ़ सकते हैं मौतों के आंकड़े

गौतमबुद्ध नगर की सड़कों तक न पहुंचे मोटोजीपी की रफ्तार : हेलमेट मैन ऑफ इंडिया ने राष्ट्रपति और पीएम को लिखा पत्र, कहा- हादसों से बढ़ सकते हैं मौतों के आंकड़े

हेलमेट मैन ऑफ इंडिया ने राष्ट्रपति और पीएम को लिखा पत्र, कहा- हादसों से बढ़ सकते हैं मौतों के आंकड़े

Tricity Today | हेलमेट मैन ऑफ इंडिया

Noida News : भारत में पहली बार मोटोजीपी (MotoGP) होने जा रही है। ग्रेटर नोएडा बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (Buddha International Circuit) में रफ्तार और रोमांच से भरी इस रेस के लिए लोग विदेशों पहुंच रहे हैं। लेकिन, हेलमेट मैन ऑफ इंडिया ने इस रेस का विरोध किया है। उनका कहना है कि मोटोजीपी को बंद करे भारत, नहीं तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। इस बाबत हेलमेट मैन ऑफ इंडिया (Helmet Man of India) राघवेंद्र कुमार ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है। हेलमेट मैन का कहना कि मोटो जीपी रेस सिर्फ अमीर देशों के लिए रोमांच है। भारत के लिए ये मौत की रफ्तार है। मोटोजीपी रेस अभी तक सिर्फ 30 देशों में ही आयोजित हुआ है। भारत 31वां देश होगा। जिन देशों में अभी तक यह रेस आयोजित हुई है, उन देशों की सड़क सुरक्षा के बुनियादी ढांचे बहुत मजबूत हैं। उन देशों में पैदल चलने और साइकिल चलाने वाले लोगों के लिए अलग ट्रैक होते हैं। कार और बाइक की रफ्तार में स्पीड लीमिट यहां अधिक होती है। वहां सड़क हादसे बहुत कम होते हैं, क्योंकि सड़क सुरक्षा को लेकर काम करने वाली एजेंसी बहुत मजबूत होती है।

सड़क हादसों की वजह से 4 प्रतिशत जीडीपी का नुकसान
हेलमेट मैन ने रेस का विरोध करते हुए कहा कि भारत पहले से ही विश्व के सभी देशों के मुकाबले मौत के आंकड़ों में पहले पायदान पर है। यहां जागरूकता बढ़ाने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सुरक्षा कानून को लागू करने पर सरकार ध्यान केंद्रित कर रही है। क्योंकि भारत में हर साल सड़क हादसों की वजह से 4 प्रतिशत जीडीपी का नुकसान हो रहा है। जबकि भारत में विश्वस्तर पर लगभग दो प्रतिशत ही वाहन हैं, लेकिन यह 11 प्रतिशत से अधिक सड़क हादसे में मौत के लिए जिम्मेदार है। गौतमबुद्ध नगर जिले में जब से फॉर्मूला वन ट्रैक बना, तब से इस जिले में सड़क हादसों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, क्योंकि यहां के युवाओं में ओवर स्पीड गाड़ी चलाने की वजह से हादसों में वृद्धि के साथ चालान और मौत के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में 2004 में धूम पिक्चर रिलीज होने के बाद से स्पीड बाइक का प्रचलन तेजी से बढ़ गया है। 

ग्रेटर नोएडा की इस रेस से युवाओं में रफ्तार का नशा 
भारत के लोग बहुत जल्दी इन चीजों से आकर्षित होते हैं। ग्रेटर नोएडा में होने वाली इस रेस को देखने के बाद लोग आम सड़कों पर भी बाइक को चलाने की शैली को कॉपी कर सकते हैं। ऐसे में गौतमबुद्ध नगर में होने सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हो सकता है। भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी ने 2020-2021 में एक कॉन्फ्रेंस में सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाने का वादा किया था, लेकिन दो माह पहले अपने एक स्टेटमेंट में कहा कि मैं अच्छे सड़क एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर तो बनवा सकता हू, लेकिन सड़क दुर्घटना कम करने में असफल रहा हूं। इसलिए मैं अपने पहले दिए गए स्टेटमेंट को वापस लेता हूं, क्योंकि राज्य सरकार एवं उनके अधिकारी सामंजस्य के साथ कार्य नहीं किए। 

दोस्त को खोने के बाद लोगों को बताई जिंदगी की कीमत 
भारत में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने की चुनौतियां बनी हुईं हैं। हेलमेट मैन ऑफ इंडिया पिछले 9 साल से सड़क हादसों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछले 9 सालों से भारत की सड़कों पर घूम-घूमकर भारत के युवाओं को जिंदगी बचाने का प्रयास कर रहे हैं। दरअसल, 9 साल पहले नोएडा एक्सप्रेसवे पर उन्होंने अपना एक दोस्त खोया था, जो अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। तब से उन्होंने शपथ ली थी कि भारत की सड़कों पर हर नागरिक को एक स्मार्ट रोड यूजर बनाने से पहले उसे अपना दोस्त बनाएंगे। इस लड़ाई को लड़ते हुए उन्हें करीब 9 साल हो चुके हैं। अपने पैसों से अब तक वह भारत की सड़कों पर 56,000 से अधिक हेलमेट बांट चुके हैं। सैकड़ों लोगों की जिंदगी बचा चुके हैं। अपने इस प्रयास से वह राघवेंद्र कुमार की जगह हेलमेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से जाने जाते हैं।

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