Noida News : नोएडा शहर के निवासियों के लिए अच्छी खबर है। होली पर प्राधिकरण ने बड़ा तोहफा दिया है। अब जल्दी ही शहर में मिल रहे पेयजल की गुणवत्ता सुधर जाएगी। लोग पेटीएम और फोन-पे जैसे यूपीआई एप्स के जरिए वाटर चार्ज भर पाएंगे। नोएडा की सीईओ ऋतु महेश्वरी (Ritu Maheshwari IAS) ने सोमवार को पेयजल आपूर्ति से जुड़े मसलों की चर्चा की है। मातहत अफसरों को कई जरूरी आदेश दिए हैं।
10 अप्रैल तक जल निगम को नई पाइप लाइन का काम पूरा करना होगा
शहर में अप्रैल से 37.5 क्यूसेक और गंगाजल की मात्रा बढ़ जाएगी। गाजियाबाद से आने वाली नई गंगाजल की लाइन का करीब 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। सोमवार को जल विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए सीईओ ने 10 अप्रैल तक काम पूरा करने की डेडलाइन उत्तर प्रदेश जल निगम को दी है। सीईओ ने प्राधिकरण अधिकारियों को निर्देश दिया कि अपनी निगरानी में यह काम पूरा कराएं। हालांकि इस मामले में अभी कुछ हिस्से में जमीन का अडंगा बना हुआ है।
गंगाजल की आपूर्ति बढ़ने से शहर में पेयजल का टीडीएस घटेगा
समीक्षा बैठक में सीईओ ने कहा कि इस नई लाइन के आते ही गंगाजल सप्लाई की तैयारी कर ली जाए। शहर में अभी 250 एमएलडी गंगाजल की सप्लाई होती है, जबकि पानी की खपत 400 एमएलडी है। बाकी 150 एमएलडी पानी ट्यूटेबल से पूरा होता है। गंगाजल की मात्रा बढ़ने से पीने के पानी से टीडीएस का स्तर घटेगा।
यूपीआई एप्स से वाटर चार्ज भर सकेंगे लोग, मैसेज के जरिए बिल मिलेगा
समीक्षा में सीईओ ने यूपीआई एप्स के जरिए पानी का बिल जमा करवाने की तैयारी को लेकर जानकारी ली। आईटी विभाग को इस व्यवस्था में बचे हुए काम जल्द पूरे करवाने के निर्देश दिए हैं। यह भी कहा कि पानी के बकाया बिल की सूचना उपभोक्ता को मेसेज से भेजी जाए, इसको लेकर भी तैयारी जल्द पूरी कर ली जाए। शहर में गंगाजल लाइन से जुड़े हुए जो काम हो रहे हैं, उनको 10 अप्रैल तक पूरा करने का समय सीईओ ने दिया। शहर से निकलने वाले छोटे-बड़े 30 नालों के पानी को कैसे साफ किया जाए? यह डीपीआर प्राधिकरण ने नेशनल एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से तैयार करवाई है। इसके जो सुझाव हैं, उस दिशा में काम शुरू करने के लिए सीईओ ने जल विभाग को अगली बैठक एसीईओ के साथ करने के लिए कहा है।
प्राधिकरण को 90 करोड़ के मुकाबले 115 करोड रुपए वाटर चार्ज मिला
बकाया पानी का बिल जमा करने में शहर के लोगों ने अबकी बार रिकॉर्ड तोड़ दिया है। प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2022- 2023 के लिए 90 करोड़ रुपये बकाया जमा करवाने का लक्ष्य रखा था। इससे बढ़कर 113 करोड़ रुपये की धनराशि अब तक जमा हो चुकी है। शहर में चल रहे एसटीपी पर टर्सरी ट्रीटमेंट करवाया जाएगा। इसके लिए भी टेंडर प्रक्रिया पूरी करवाने के निर्देश सीईओ ने दिए हैं। वाटर मीटर के बारे में निर्देश दिए कि अध्ययन किया जाए कि कितनी खपत हो रही है। इसके बाद किस यूनिट के साथ शुल्क लिया जाना है, इसकी रिपोर्ट 15 मार्च तक तैयार कर ली जाए।