Noida News : शहर औद्योगिक नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां पर कंस्ट्रक्शन साइट से लेकर औद्योगिक सेक्टर में दिन-रात काम चलता रहता है। धीरे-धीरे मौसम में बदलाव होने कारण सुबह-शाम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। ऐसे में कुछ दिनों बाद स्मॉग की समस्या बढ़ेगी। इसकी प्रमुख वजह अलग-अलग जगह कंस्ट्रक्शन साइट पर खुले में पड़ी निर्माण सामग्री और सड़क किनारे जमा धूल है। शहर में केबिल, सीवर लाइन डालने के लिए हुई खुदाई और निर्माण के बचे मलबे के ढेर हैं, जो प्रदूषण का कारण बनेंगे। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण विभाग आगामी दिनों में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के दावे कर रहा है।
अधिकारी बने लापरवाह
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के आदेशानुसार निर्माण स्थलों पर प्रदूषण को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। जहां पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है, वहां निर्माण सामग्री पूरी तरह ढकी होनी चाहिए। लेकिन, शहर में इस नियम की धज्जियां खुलेआम उड़ाई जा रहीं हैं। जगह-जगह कंस्ट्रक्शन का समान खुले में पड़ा हुआ है। अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। वे आबोहवा को प्रदूषित कर रही है। इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। आने वाले दिनों में अगर प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है तो इसका नुकसान शहर के निवासियों को झेलना पड़ेगा। सबसे अधिक दिक्कतें बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं के अलावा सांस के मरीजों को होगी। इन जगहों पर खुले में पड़ी है निर्माण सामग्री
सेक्टर-50, सेक्टर-52, सेक्टर-57, सेक्टर-74, सेक्टर-75, सेक्टर-76, सेक्टर-78, सेक्टर-79 में कई जगह निर्माण कार्य के कारण सड़क किनारे खुले में निर्माण सामग्री रखी हुई है। निर्माण सामग्री पर पानी का छिड़काव नहीं होने से हवा के साथ यह उड़ती है। चार पहिया वाहनों के वहां से गुजरने पर भी धूल उड़ती है। धूल उड़ना लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। वहीं, प्रदूषण की मात्रा को बढ़ाने में भी सहायक की भूमिका अदा कर रही है। कई जगह निर्माण स्थलों पर खानापूर्ति के लिए दिन में एक या दो बार पानी का छिड़काव होता है। लेकिन, नियमित तौर पर पानी का छिड़काव नहीं होने से धूल उड़ती है। कायदे से देखा जाए तो इस समस्या से निपटने के लिए तैयारी न के बराबर की जा रही है।