Noida News : शनिवार को राज्य सरकार ने 11 आईएएस अफसरों के तबादले किए हैं। इनमें आईएएस वंदना त्रिपाठी को नोएडा का विशेष कार्याधिकारी बनाकर भेजा गया है। वंदना त्रिपाठी वर्ष 2000 बैच की पीसीएस अफसर थीं। उन्हें 28 अक्टूबर 2021 को पदोन्नत करके आईएएस बनाया गया था। वह मूल रूप से गोरखपुर की रहने वाली हैं। वंदना त्रिपाठी मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग प्रयागराज में सचिव के पद पर तैनात थीं। करीब 5 वर्षों से वह इसी पोस्ट पर काम कर रही थीं।
वंदना त्रिपाठी पिछले साल बतौर आईएएस पदोन्नत हुईं
यूपी के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के मुताबिक 2021 में संघ लोक सेवा आयोग की नई दिल्ली में हुई बैठक में यूपी के 25 पीसीएस अफसरों को आईएएस के पद पर पदोन्नति दी गई थी। इसमें साल 1998, 1999 और 2000 बैच के पीसीएस अफसर शामिल थे। इनमें वंदना त्रिपाठी समेत 2000 बैच के कुमार विनीत, कामता प्रसाद सिंह, धनंजय शुक्ला, रमेश चंद्र को आईएएस प्रमोट किया गया था। इस लिस्ट में राजेश कुमार प्रजापति, मंजू लता, आशुतोष मोहन अग्निहोत्री और कपिल सिंह का नाम भी शामिल था।
एडीए में पोस्टिंग की वजह से हुई थी पूछताछ
इलाहाबाद के झूंसी में रेलवे से जुड़ा करोड़ों रुपये का जमीन घोटाला हुआ था। उस वक्त इलाहाबाद के तहसीलदार सदर रहे आशुतोष कुमार सिंह और रिटायर्ड सीआरओ बीएल सरोज को जेल भेजने के बाद क्राइम ब्रांच ने कई अन्य अफसरों से पूछताछ करके साक्ष्य जुटाए थे। इस सिलसिले में तत्कालीन एसपी क्राइम बृजेश मिश्र ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी को कार्यालय बुलाकर कई जानकारी हासिल की थीं। दरअसल, घोटाले के वक्त वंदना त्रिपाठी तत्कालीन एडीए सचिव थीं।
वंदना त्रिपाठी की क्लीन इमेज और लम्बा अनुभव
वंदना त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक कैडर में क्लीन इमेज वाली महिला अफसर हैं। उन्हें करीब 22 वर्षों का प्रशासनिक अनुभव है। अगर पश्चिम उत्तर प्रदेश की बात करें तो वंदना त्रिपाठी बुलंदशहर में लंबे अरसे तक काम कर चुकी हैं। वह बुलंदशहर की सिकंदराबाद और सदर तहसीलों में एसडीएम रह चुकी हैं। इलाहाबाद विकास प्राधिकरण की सचिव रह चुकी हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अपर जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के तौर पर काम करने का भी अनुभव है।