क्लोनिंग कर बेची जा रही हैं चोरी की गाड़िया, पुलिस खुलासे में सामने आई सच्चाई

सेकंड हैंड कार खरीदने जा रहे हैं तो हो जाएं सावधान : क्लोनिंग कर बेची जा रही हैं चोरी की गाड़िया, पुलिस खुलासे में सामने आई सच्चाई

क्लोनिंग कर बेची जा रही हैं चोरी की गाड़िया, पुलिस खुलासे में सामने आई सच्चाई

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Noida News : अगर आप भी सेकंड हैंड कार खरीदने की तैयारी में हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि आपकी जरा सी लापरवाही से आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। जिस गाड़ी को आप खरीदने जा रहे हैं वह गाड़ी चोरी की हो सकती है। शनिवार को नोएडा सेक्टर 63 थाने की पुलिस ने एक ऐसे ही गैंग का पर्दाफाश किया है। यह गैंग चोरी की गाड़ियों के चेचिस और इंजन नंबर में बदलाव करके उसे CARS-24 ऐप पर बेच देते थे और गाड़ी पर किसी और गाड़ी की नंबर प्लेट लगा देते थे। इस प्रकार सड़क पर एक ही नंबर की दो गाड़ियां दौड़ रही होती थीं।

क्या है कार क्लोनिंग
कार क्लोनिंग एक अवैध प्रक्रिया है। जिसमें अपराधी कानूनी रूप से पंजीकृत वाहन की पहचान चुराते हैं या उसकी नकल करते हैं। यह अधिकतर चोरी किए गए वाहनों की पहचान छिपाने के लिए किया जाता है। अपराधी रजिस्ट्रेशन प्लेट चुराते हैं या डुप्लीकेट प्लेट बनवाकर किसी अन्य वाहन पर लगा देते हैं। वहीं आरोपी चोरी की कार का चेसिस नंबर और इंजन नंबर भी बदल देते है। एक बार क्लोन बना लेने के बाद आरोपी उस चोरी के वाहन को बेचने या अन्य अपराधों में उपयोग करते हैं।

अगर आपकी कार क्लोन की गई है तो क्या करें
यदि आपको संदेह है कि आपकी कार की क्लोनिंग हुई है और आप पर किसी अपराध का आरोप लगाया गया है, तो पहले उस संगठन से संपर्क करें जिसने जुर्माना जारी किया है। उन्हें अपनी स्थिति समझाएं ताकि वे आपके मामले को आगे न बढ़ा सकें। इसके तुरंत बाद स्थानीय पुलिस को सूचित करें और सभी आवश्यक जानकारी दें। ताकि पुलिस मामले की जांच कर कार्रवाई कर सकें। 

यह बरतें सावधानियां 
यदि आप पुरानी कार खरीदने पर विचार कर रहे हैं, तो खुद को धोखाधड़ी से बचाने के लिए कुछ बातो का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। कार खरीदते समय विक्रेता से कार का पंजीकरण नंबर, ब्रांड और मॉडल पूछें और ऑनलाइन सेवा से इनकी पुष्टि करें। सुनिश्चित करें कि वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर, चेसिस नंबर और इंजन नंबर आदि सभी गाड़ी के कागजों से मेल खाते हों। कार खरीदते समय हमेशा विक्रेता से फोटो पहचान पत्र जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, वोटिंग कार्ड या पासपोर्ट आदि दिखाने के लिए कहें। पहचान पत्र पर दिया गया पता कार के विक्रेता के पते से मेल खाना चाहिए। गाड़ी खरीदने के तुरंत बाद गाड़ी को अपने नाम कराना चाहिए। यदि कार नाम नहीं हो रही है तो इसकी शिकायत पुलिस से करें।

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