अगर एक्वा लाइन में करते हैं सफर तो कार्ड में इतने रुपये जरूरी, वरना एंट्री नहीं मिलेगी

नोएडा मेट्रो : अगर एक्वा लाइन में करते हैं सफर तो कार्ड में इतने रुपये जरूरी, वरना एंट्री नहीं मिलेगी

अगर एक्वा लाइन में करते हैं सफर तो कार्ड में इतने रुपये जरूरी, वरना एंट्री नहीं मिलेगी

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Noida News : नोएडा मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए जरूरी खबर है। नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) ने यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन लेकर जारी की है। 16 जनवरी से मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए अपने स्मार्ट कार्ड में न्यूनतम 50 का बैलेंस रखना अनिवार्य कर दिया है। अगर स्मार्ट कार्ड में 50 रुपए से कम बैलेंस हुआ तो यात्रियों को मेट्रो में प्रवेश नहीं मिलेगा। यह गाइडलाइन बृहस्पतिवार को जारी की गई है। बता दें एक्वा लाइन में हर दिन मेट्रो यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रतिदिन 50 हजार के करीब सवारी मेट्रो का लाभ उठा रही है।

एनएमआरसी की नई गाइडलाइन जारी
एनएमआरसी के अधिकारियों ने बताया पहले स्मार्ट कार्ड के लिए न्यूनतम 10 रूपये का बैलेंस रखना अनिवार्य था। लेकिन अब इसे बढ़ाकर न्यूनतम 50 रूपये कर दिया गया है। यह नया आदेश एक्वा लाइन मेट्रो में 16 जनवरी से लागू कर दिया जाएगा। यह निर्णय यात्रियों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए लिया गया है। दरअसल, 10 रूपये के न्यूनतम बैलेंस वाले स्मार्ट कार्ड के जरिए स्टेशनों में आसानी से प्रवेश हो जाता था, लेकिन दो स्टेशनों से अधिक दूरी तय करने के बाद किराया अधिक होने के कारण यात्रियों का निकास द्वार पर स्मार्ट कार्ड काम नहीं करता था। जिसकी वजह से यात्रियों को यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मेट्रो प्रशासन की तरफ से यह निर्णय लिया गया है।

स्काईवॉक बनाने की तैयारी में अथॉरिटी
दूसरी तरफ नोएडा प्राधिकरण ने ब्लू लाइन के सेक्टर- 52 और एक्वा लाइन के सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन के बीच स्काईवॉक की मांग लंबे समय से मेट्रो यात्रियों की तरफ से की जा रही थी। यात्रियों की समस्या को देखते हुए यह प्रॉजेक्ट खुद प्राधिकरण ने पूरा करवाने का निर्णय लिया है। इसकी मंजूरी भी बोर्ड से अथॉरिटी ले चुकी है। दोनों स्टेशनों के बीच स्काईवॉक बन जाने के बाद लाखों यात्रियों को सहूलियत मिलेगी। इस स्काईवॉक को बनाने के लिए प्राधिकरण ने एजेंसी का चयन कर लिया है। यह एजेंसी स्काईवॉक और स्वचलित रैंप (ट्रैवलेटर) के लिए, कंक्रीट और लोहे का स्ट्रक्चर तैयारी करेगी। आगे ट्रैवलेटर, एयर कंडीशन और बिजली से जुड़े काम दूसरी एजेंसी करेगी। इसके टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। यह स्काईवॉक दोनों मेट्रो लाइन के नीचे से निकलेगा।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा स्काईवॉक
अब यात्रियों को स्टेशन बदलने के लिए ई-रिक्शा या पैदल का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। दो मेट्रो स्टेशनों के बीच स्काईवॉक बनने के बाद आसानी से लोग अपने स्टेशन तक पहुंच सकेंगे। यह स्काईवॉक अब तक नोएडा में बने सभी एफओबी की तुलना में अत्याधुनिक सुविधाओं वाला होगा। इस पर एयरपोर्ट की तरह स्वचलित रैंप (ट्रेवलेटर) भी लगाया जाएगा। इसके बन जाने के बाद यात्रियों की संख्या में और अधिक इजाफा होगा साथ ही सेक्टर-52 और एक्वा लाइन के सेक्टर-51 मेट्रो में आने-जाने में कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। नोएडा अथॉरिटी ने प्रॉजेक्ट की डीपीआर नए सिरे से तैयार करवाकर यह टेंडर जारी कर दिया है। कंपनी के चयन के बाद स्काईवॉक का निर्माण होना शुरू हो जाएगा। इसको बनने में लगभग 5 महीने का वक्त लगेगा।

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